समान नागरिक संहिता कानून बनाने के लिए बनाई गई पूर्व जस्टिस रंजना देसाई कमेटी ने लोगो से मिलकर उनकी राय जानने के लिए दौरा शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि राज्य की बीजेपी सरकार ने चुनाव से पहले घोषणा की थी कि वो राज्य में ये कानून लेकर आएगी।
रंजना देसाई कमेटी इन दिनों उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों में जाकर विभिन्न सामाजिक संगठनों, पूर्व न्यायविदो, पत्रकारों और अन्य विद्वान लोगो से मिलकर उनसे समान नागरिक संहिता के विषय में राय जान रही है। चमोली जिले में समिति ने ऐसे कई लोगो के साथ बातचीत की है।
इससे पहले कमेटी ने उत्तराखंड के लोगो से अपनी वेब साइट पर और डाक द्वारा इस बारे में सुझाव मांगे थे जिसमे उन्हे सैकड़ो लोगो की लिखित राय मिली थी। ये सुझाव तीस सितंबर तक लेने के बाद, कमेटी ने राज्य में दौरा कर लोगो से संवाद स्थापित करने का फैसला लिया है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में चमोली जिले के भारत के आखिरी गांव माने जाते “माना” के जनजातीय लोगो के साथ बैठकर कमेटी ने सुझाव लिए है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि हम राज्य की जनता से पहला वायदा यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल लाने का किया था और अपनी पहली कैबिनेट में इस बिल को लाने की घोषणा कर उसके लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी भी बना दी थी, इस कमेटी को लोग अपने सुझाव दे रहे है जिनका अध्ययन किया जाएगा।
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