अब शंघाई सहयोग संगठन अर्थात एससीओ का एक प्रतिनिधिमंडल अगले वर्ष 16 जनवरी को काशी आ रहा है। 8 सदस्य देशों के विदेशी अतिथि काशी की संस्कृति और पौराणिकता से रूबरू होंगे। इसी माह एससीओ ने काशी को दुनिया की पहली सांस्कृतिक और पर्यटक राजधानी का दर्जा दिया है। इसके बाद प्रदेश सरकार ने एससीओ के समस्त सदस्यों को काशी भ्रमण का न्यौता भेजा । बीते कुछ वर्षों में यह धार्मिक नगरी प्रदेश के पर्यटन का सबसे प्रमुख केंद्र बनकर उभरी है। देश और विदेश से लाखों तीर्थयात्री प्रतिदिन काशी आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर काशी को सजाने और संवारने की कवायद तेज हो गई है। विदेशी अतिथियों के भव्य स्वागत के लिए मुख्यमंत्री योगी ने आला अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि स्वच्छता मिशन के तहत शहर को पूरी तरह से साफ-सुथरा रखा जाए। सभी प्रमुख चौराहों पर जाम की समस्याओं का निस्तारण किया जाए। अतिथियों के आगमन पर स्कूली बच्चे उनका स्वागत करेंगे। सरकार की मंशा है कि विदेशी अतिथि जब काशी पधारें तो उन्हें अपनत्व का बोध हो, ताकि वो काशी की संस्कृति को समझ सकें।
प्रमुख सचिव पर्यटन, मुकेश मेश्राम ने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप अगले माह रामनगर रामलीला तक व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है। अक्टूबर-नवंबर का महीना त्योहारों से भरा हुआ है। हालांकि, काशी के लिए यह और भी खास है, क्योंकि काशी में अक्टूबर में 200 साल पुरानी रामनगर रामलीला का आयोजन होता है। यह काशी की सबसे प्राचीन रामलीला है। इसकी शुरुआत अनंत चतुर्दशी से होती है और एकादशी तक यानी 31 दिनों तक जारी रहती है। इसके अलावा 5 नवंबर से 8 नवंबर तक देव दीपावली ‘प्रकाश का पर्व’ मनाया जाना है। यह कार्तिक मास में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि सभी देवता इस अवसर को मनाने के लिए वाराणसी के घाट पर इकट्ठा होते हैं। इस अवसर पर काशी में दुनिया भर के पर्यटक जुटते हैं। इस लिहाज से पर्यटन विभाग ने अभी से कमर कस ली है।
टिप्पणियाँ