प्रधानमंत्री ने गुरुवार की शाम अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में आयोजित भव्य उद्घाटन समारोह में 36वें राष्ट्रीय खेल के शुभारंभ की घोषणा की। इस अवसर पर खिलाड़ियों को प्रतिबद्धता और निरंतरता का मंत्र देते हुए प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि खिलाड़ियों को खेलों में मिली जीत देश को जश्न का मौका देगी और भविष्य के बारे में विश्वास जगाएगी।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय खेल में भाग लेने वाले देशभर के एथलीटों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी देश की प्रगति और सम्मान का सीधा संबंध खेलों में मिली सफलता से होता है। राष्ट्र को नेतृत्व युवा देते हैं और उनकी ऊर्जा और जीवन निर्माण का प्रमुख स्रोत खेल होते हैं। विकास में आगे देश मेडल लिस्ट में भी टॉप पर होते हैं। खेल के मैदान में खिलाड़ियों की जीत, उनका दमदार प्रदर्शन, अन्य क्षेत्रों में देश की जीत का भी रास्ता बनाता है। स्पोर्ट्स की सॉफ्ट पावर, देश की पहचान को, देश की छवि को कई गुना ज्यादा बेहतर बना देती है।
36वें राष्ट्रीय खेल के शुभारंभ की घोषणा से पूर्व अपने संबोधन की शुरूआत में प्रधानमंत्री ने कहा, “विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम, विश्व का इतना युवा देश और देश का सबसे बड़ा खेल उत्सव। जब आयोजन इतना अद्भुत और अद्वितीय हो, तो उसकी ऊर्जा ऐसी ही असाधारण होगी।”
भारत की खेल के क्षेत्र में होती प्रगति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 8 साल पहले तक भारत के खिलाड़ी सौ से भी कम इंटरनेशनल इवेंट्स में हिस्सा लेते थे। अब भारत के खिलाड़ी 300 से भी ज्यादा इंटरनेशनल इवेंट्स में शामिल होते हैं। 8 साल पहले भारत के खिलाड़ी 20-25 खेलों को खेलने ही जाते थे। अब भारत के खिलाड़ी करीब 40 अलग-अलग खेलों में हिस्सा लेने जाते हैं। अब देश के प्रयास और उत्साह केवल एक खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि ‘कलारीपयट्टू’ और योगासन जैसे भारतीय खेलों को भी महत्व मिल रहा है। उन्हें खुशी है कि इन खेलों को नेशनल गेम्स जैसे बड़े आयोजनों में शामिल किया गया है।
पूर्ववर्ती सरकारों के परिवारवाद और निष्क्रियता पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने स्पोर्ट्स स्पिरिट के साथ स्पोर्ट्स के लिए काम किया। टॉप्स जैसी योजनाओं के जरिए वर्षों तक मिशन मोड में तैयारी की। आज बड़े-बड़े खिलाड़ियों की सफलता से लेकर नए खिलाड़ियों के भविष्य निर्माण तक, टॉप्स एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। आज फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे प्रयास एक जन-आंदोलन बन गए हैं। इसीलिए, आज खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा संसाधन भी दिए जा रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा अवसर भी मिल रहे हैं। पिछले 8 वर्षों में देश का खेल बजट करीब 70 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी सरकार ने खिलाड़ियों का मनोबल कम नहीं होने दिया। सभी को जरूरी संसाधन दिए और विदेश भी भेजा। साथ ही उन्होंने कहा कि अब खिलाड़ियों के रिटायर होने पर भी उनका ख्याल रखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री खिलाड़ियों से आग्रह किया कि वे नवरात्रि के पावन अवसर इससे जुड़े आयोजनों में भाग लें। उन्होंने कहा कि गुजरात में माँ दुर्गा की उपासना से लेकर गरबा तक, यहाँ की अपनी अलग ही पहचान है। जो खिलाड़ी दूसरे राज्यों से आए हैं, उनसे मैं कहूंगा कि खेल के साथ ही यहां नवरात्रि आयोजन का भी आनंद जरूर लीजिये।
राज्य की खेल सुविधाओं पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में फुटबाल, हॉकी, बास्केटबॉल, कबड्डी, बॉक्सिंग और लॉन टेनिस जैसे अनेकों खेलों की सुविधा एक साथ उपलब्ध है। ये एक तरह से पूरे देश के लिए एक मॉडल है।
आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री ने देसर में विश्वस्तरीय ‘स्वर्णिम गुजरात खेल विश्वविद्यालय’ का भी उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक परियोजना से देश के खेल शिक्षा परिदृश्य के बदलने की उम्मीद है। 130 एकड़ में 108 करोड़ के खर्च से बना यह विश्वविद्यालय सभी आधुनिक सुविधाओं से संपन्न है।
इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेश पटेल ने देशभर के हर नागरिक और खिलाड़ियों का राज्य में स्वागत करते हुए कहा कि पहले राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में सालों का वक्त लगता था लेकिन इन खेलों का आयोजन में महज तीन महीनों में किया गया है। उन्हें आशा है कि यह खेल प्रत्येक प्रतिभागी में नई ऊर्जा का संचार करेंगे।
इस अवसर पर केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश पटेल और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम से पहले उद्घाटन समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मोहक प्रस्तुति की गई।
उल्लेखनीय है कि गुजरात राज्य में पहली बार राष्ट्रीय खेल का आयोजन हो रहा है। यह 29 सितंबर से 12 अक्टूबर, 2022 तक आयोजित किया जाएगा। देश भर के लगभग 15,000 खिलाड़ी, कोच और अधिकारी विभिन्न प्रकार के 36 खेलों में भाग लेंगे, जिससे यह अब तक का सबसे बड़ा राष्ट्रीय खेल बन जाएगा।
खेल आयोजन अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, वडोदरा, राजकोट और भावनगर के छह शहरों में आयोजित किए जाएंगे। तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ एक सशक्त आधारभूत खेल सुविधा स्थापित करने की यात्रा शुरू की, जिससे राज्य को बहुत कम समय में खेलों की तैयारी करने में मदद मिली।
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