झारखंड सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति ने जिहादी तत्वों का हौसला इस कदर बढ़ा दिया है कि अब ये तत्व पुलिस पर ही हमला करने लगे हैं। राजमहल में लड़की छेड़ने पर पुलिस ने कुछ मुसलमान युवाओं को डांटा। बाद में मुसलमानों की भीड़ ने पुलिस पर ही हमला कर दिया।
जब किसी की गलती पर बार-बार पर्दा डालने का प्रयास किया जाए तो गलती करने वाले का मनोबल बढ़ना स्वाभाविक है। यही स्थिति झारखंड में देऽने को मिलने लगी है। यहां किसी भी अपराध में मुस्लिम समाज के लोग शामिल होते हैं तो प्रशासन से लेकर सरकार तक मौन साध लेता है या फिर उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया जाता है। आज इसी तुष्टिकरण का परिणाम है कि कभी गोतस्करों द्वारा पुलिस की हत्या कर दी जाती है, तो कभी पुलिस के जवानों को कट्टरपंथियों का समूह इसलिए पीटता है, क्योंकि उन्होंने कुछ मुसलमानों को गलत काम करने से रोकने की कोशिश की थी।
नई घटना झारखंड के साहिबगंज जिले की है। यहां राजमहल के संगीदालान परिसर में पुलिस के जवानों पर हसन टोले के लगभग 50 मुसलमानों ने कर दिया। इस हमले में पुलिस के जवान संदीप कुमार शर्मा, दीपक बहादुर और बाल मुरारी कृष्ण घायल हो गए। संदीप कुमार शर्मा के अनुसार गत दिनों राजमहल के संगीदालान में कुछ युवतियां घूमने के लिए आई हुई थीं। वहीं घूम रहे हसन टोले के कुछ मुस्लिम युवक उनके साथ छेड़खानी करने लगे। उन लड़कियों ने इसकी शिकायत वहीं खड़े पुलिस के जवानों से की। इसके बाद इन जवानों ने उन्हें डांट-डपट कर भगा दिया गया। इसके करीब 2 घंटे के बाद मुसलमानों की एक भीड़ वहां आई और उसमें शामिल लोगों ने पुलिस के जवानों पर हमला कर दिया। कुछ देर तक वहां अफरा-तफरी रही। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की और कई आरोपियों को पकड़ कर जेल भेज दिया गया है। इनमें से हसन टोला के 20 वर्षीय नासिर शेख, 21 वर्षीय रिजाउल शेख, 50 वर्षीय सेराजुद्दीन शेख शामिल हैं। इस मामले में जेल भेजे गए लोगों के साथ-साथ हसनटोला के सद्दाम हुसैन, अकील शेख, मोजाम शेख, कुर्बान शेख, महबूब शेख एवं जहानटोला निवासी दिल्लु शेख को नामजद व 15 से 20 अज्ञात को आरोपित बनाया गया है।
आपको बता दें कि दुर्गा पूजा के दौरान क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जैप के जवानों को राजमहल में प्रतिनियुक्त किया गया है। करीब 30 जवान संगीदालान के पास स्थित नगर भवन में रहते हैं। वहां से वे विभिन्न चौक-चौराहों पर ड्यूटी करते हैं।
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