अभी बिहार में सार्वजनिक रूप से दुर्गा पूजा हो रही है। पूरे बिहार में लाखों पूजा पंडाल लगे हैं। सर्वत्र भक्ति का माहौल है। इस बीच कुछ विशेष भक्तों की चर्चा खूब हो रही है। पटना में सचिवालय के समीप नौलखा मंदिर में नागेश्वर बाबा, बेगूसराय के तेघरा के घटकिंडी दुर्गा मंदिर में भक्त विकास और आरा के आनंदनगर स्थित काली मंदिर में लाल बाबा पूरे 9 दिन सीने पर कलश रखकर साधना कर रहे हैं। इन 9 दिनों में ये लोग कुछ भी ग्रहण नहीं करते। शौच और लघु शंका को भी इन भक्तों ने साध लिया है। ये भक्त 9 दिन तक एक ही स्थिति में रहते हैं।
- नागेश्वर बाबा के सीने पर 21 कलश
पटना के नागेश्वर बाबा गत 26 वर्ष से सीने पर कलश स्थापना कर रहे हैं। इस वर्ष इन्होंने 21 कलश अपने सीने पर स्थापित किया है। इन कलशों का वजन लगभग 50 किलो है। 26 वर्ष पूर्व 36 वर्ष की आयु में उन्होंने संकल्प किया कि सीने पर कलश रखकर मां दुर्गा की आराधना करेंगे। घरवाले और परिचितों को थोड़ा अटपटा लगा लेकिन बाबा के संकल्प के सामने सबको नतमस्तक होना पड़ा। उन्होंने एक कलश सीने पर रखकर अपनी साधना शुरू की। धीरे-धीरे कलशों की संख्या बढ़ती गई। इस वर्ष 21 कलश सीने पर रखे हुए हैं। साधना शुरू करने के लिए स्वयं को एक महीना पहले से तैयार करते हैं। धीरे-धीरे भोजन को छोड़ते हैं। पानी की मात्रा भी कम करते चले जाते हैं। कलश स्थापन के दो दिन पहले से बाबा खाना-पीना छोड़ देते हैं। नवमी के हवन के बाद सीने से कलश हिलाया जाता है और दशमी को उनके सीने से कलश हटता है। कलश हटने के बाद वे विजयादशमी को गंगाजल से पारण करते हैं। और एकादशी से अपनी दिनचर्या धीरे-धीरे शुरू करते हैं। एकादशी को मूंग दाल की खिचड़ी खाते हैं। पूरे वर्ष सात्विक भोजन करते हैं और प्रतिदिन नियम धर्म के साथ पूजन करते हैं। बाबा का मानना है कि मां दुर्गा पर अटूट आस्था से उन्हें शक्ति मिलती है। जब कोरोना काल में जिला प्रशासन के आदेश से सभी मंदिर बंद थे तब उन्होंने सीने पर कलश रखकर आराधना की थी। मानव जाति के कल्याण के लिए कोरोना काल में उन्होंने साधना की थी।
- बेगूसराय में भक्त विकास और आरा के लाल बाबा भी साधनारत हैं
पटना में बाबा के अतिरिक्त बेगूसराय और आरा में भी साधक सीने पर कलश रखकर आराधना कर रहे हैं। बेगूसराय के तेघड़ा प्रखंड के बरौनी स्थित घटकिंडी दुर्गा मंदिर में भक्त विकास कुमार अपने सीने पर 7 कलश लेकर माता की आराधना कर रहे हैं। विकास कुमार स्थानीय शंकर महतो के पुत्र हैं। 200 वर्ष पुराने इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि सच्चे हृदय से मांगी गई हर इच्छा को मां पूरी करती हैं। यहां स्थित दुर्गा माता के बारे में मान्यता है कि वह कामाख्या की छोटी बहन हैं।
इसी प्रकार आरा में लाल बाबा अपने सीने पर 9 कलश स्थापित कर माता की आराधना कर रहे हैं। अपने को आदर्श गुरु मुक्तेश्वर बाबा के शिष्य मानने वाले विनोदानंद उर्फ लाल बाबा की आराधना का उद्देश्य जन कल्याण है। इस अवसर पर भोजपुर जिला गायक संघ के अध्यक्ष मुक्तेश्वर उपाध्याय अपनी भजन से माता रानी को रिझाते हैं। आरा शहर के आनंद नगर में इन्हें देखने के लिए भक्तगण बड़ी संख्या में आ रहे हैं।
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