केंद्र सरकार ने आतंकी गतिविधियों में शामिल कुख्यात इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को गैरकानूनी संस्था घोषित करते हुए उस पर पांच साल तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध में संस्था के सभी सहयोगियों और तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित किया गया है। इस पर यूएपीए (UAPA) के तहत कार्रवाई की गई है।
पीएफआई की देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका की वजह से कई दिनों से सरकारी एजेंसियां जांच कर रही थीं। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देशभर में इस संगठन के तमाम ठिकानों पर छापे मारे। इस पर बवाल भी मचाया गया।
इन सहयोगी संगठनों पर लगा प्रतिबंध
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से के सहयोगी संगठनों पर सरकार ने कार्रवाई की है। उन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय के मुताबिक पीएफआई ने समाज के विभिन्न वर्गों, युवाओं, छात्रों और कमजोर वर्गों को निशाना बनाने के लिए सहयोगी संगठनों की स्थापना की है। इसका एकमात्र उद्देश्य प्रभाव और फंड जुटाने की क्षमता को बढ़ाना है। जिन सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कन्फेडेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइंजेशन, विमेंस फ्रंट, जूनियर फंर्ट, एंपावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन शामिल हैं।
मंगलवार को 170 लोगों हिरासत में लिया गया
कल (मंगलवार) सात राज्यों में स्थानीय पुलिस और आतंकरोधी दस्ते ने पीएफआई से जुड़े ठिकानों पर छापा मारकर170 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद इनमें से कई को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले भी 15 राज्यों में 93 स्थानों पर छापा मारा गया था।
पीएफआई के खिलाफ पिछले गुरुवार से शुरू इन छापों में जांच एजेंसियों को अहम सुबूत हाथ लगे हैं। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश में स्थानीय पुलिस और आतंकरोधी दस्ते ने सोमवार-मंगलवार आधीरात को एक साथ छापे मारे। इस कार्रवाई में सबसे अधिक 75 लोगों को कर्नाटक से हिरासत में लिया गया।
पीएफआई बैन
केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन कर दिया है. PFI को प्रतिबंधित करने की मांग कई राज्यों ने की थी. pic.twitter.com/K2ymaCbxXT
— Vishwa Samvad Kendra, MadhyaPradesh (@vsk_mp) September 28, 2022
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक छापों में मिले साक्ष्यों के आधार पर राज्य पुलिस अलग-अलग एफआईआर दर्ज करेंगी। एनआईए ने इस मामले में पांच नए केस दर्ज किए हैं। एनआईए पहले से पीएफआई के खिलाफ 14 मामलों की जांच कर रही है और 355 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। ईडी ने पीएफआई के खिलाफ मनी लांड्रिंग के दो नए केस दर्ज किए हैं और दो केस की पहले से जांच कर रही है।
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