गुवाहाटी : कुख्यात इस्लामिक संगठन पीएफआई के खिलाफ पूरे देश में एनआईए और राज्य पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है। असम पुलिस स्पेशल ऑपरेशन यूनिट (एसओयू) ने कट्टरपंथी इस्लामी संगठन के खिलाफ चल रही कार्रवाई के तहत अब तक 37 पीएफआई नेताओं को गिरफ्तार किया है। एसओयू ने पीएफआई की राज्य इकाई के अध्यक्ष अमीनुल हक और पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख डॉ मीनारुल शेख को गिरफ्तार किया है।
उच्चस्तरीय पुलिस सूत्रों ने खुलासा किया है कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी संगठन के लिए फंड जुटाने का काम करते थे। हक और शेख दोनों भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा(एक्यूआईएस) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी)और राज्य में PFI के बीच संदिग्ध संबंधों की जांच में महत्वपूर्ण होंगे। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के निवासी, मिनारुल शेख एक शीर्ष पीएफआई नेता है जो संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद का सदस्य भी है। शेख असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में अपने नेताओं का ट्रेनर था।
दरांग में पुलिस हमले में शामिल
शेख दिसंबर 2019 में CAA विरोध के दौरान पीएफआई की असम इकाई को धन देने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक था। उसे दिल्ली से असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह एसओयू की हिरासत में है। 22 सितंबर को असम पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष सहित राज्य के विभिन्न स्थानों से रात भर के ऑपरेशन में 11 पीएफआई नेताओं को गिरफ्तार किया था। ये पीएफआई नेता सितंबर 2021 में दरांग जिले में बेदखली के दौरान पुलिस पर हमले और मई 2022 में नागांव जिले के बटाद्रवा थाने में आग लगाने सहित विभिन्न राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। मंगलवार को राज्य पुलिस एसओयू ने पीएफआई के 25 नेताओं को निचले असम के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया। इनमें से कामरूप ग्रामीण जिले के 5, गोलपारा जिले के 10, धुबरी से 3, बारपेटा और बगसा से 2-2 और करीमगंज, उदलगुरी और दारंग जिले से 1-1 हैं। पीएफआई के दरांग जिलाध्यक्ष अनीश अहमद को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अहमद जमीयत उलेमा का कार्यकारी सदस्य और इमाम परिषद का राज्य महासचिव है।
गौरतलब है कि असम पुलिस अब तक अलकायदा और बांग्लादेश स्थित अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से जुड़े 42 जिहादियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन जिहादी मॉड्यूल की एनआईए और असम पुलिस की जांच में पाया गया कि पीएफआई राज्य में जिहादी गतिविधिया बढ़ा रहा है। गिरफ्तार किए गए अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के जिहादी में से एक मुकबुल हुसैन पीएफआई का बारपेटा जिलाध्यक्ष था। असम पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि पुलिस अब राज्य में पीएफआई के जिहादी फंडिंग मॉड्यूल की जांच कर रही है। एसओयू राज्य में पीएफआई के आतंकी संबंधों की भी जांच कर रहा है। उल्लेखनीय है कि 2019 में असम में सीएए विरोधी हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कुख्यात इस्लामिक संगठन के खिलाफ 17 मामले दर्ज किए थे। जांच में पाया गया कि पीएफआई राज्य में हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए फंडिंग कर रहा था। अब पुलिस एनआईए और ईडी के इनपुट के साथ इन राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में पीएफआई की फंडिंग की भी जांच कर रही है।
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