दुर्गा पूजा के दौरान रांची नगर निगम भक्तों के लिए निशुल्क बस सेवा उपलब्ध कराएगा, ताकि लोग शहर के सभी पंडालों में विराजमान देवी दुर्गा के दर्शन कर सकें।
झारखंड की राजधानी रांची में दुर्गा पूजा वर्षों से बड़ी ही धूमधाम से मनाई जाती रही है। इसे लेकर राजधानी में जबरदस्त तैयारियां की जा रही है। एक तरफ भव्य पूजा पंडाल तैयार हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ रांची प्रशासन अपनी ओर से सुरक्षात्मक तैयारियों में जुटा हुआ है। इसी बीच रांची नगर निगम की ओर से एक नई पहल की गई है। निगम की ओर से दुर्गा पूजा के दौरान अलग-अलग पंडालों में मां दुर्गा के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क सिटी बस का इंतजाम किया जा रहा है।
निगम की ओर से कहा गया कि दुर्गा पूजा के दौरान रांची शहर के लोगों की सुविधा के लिए यह निर्णय लिया गया है। रांची की महापौर आशा लकड़ा ने बताया कि रांची में अलग-अलग जगहों पर कई पूजा पंडाल बनाये जाते हैं। यातायात की अच्छी सुविधा न होने के कारण लोग दुर्गा पूजा के आनंद से वंचित रह जाते हैं। इसके साथ ही प्रदेश की राजधानी होने के कारण भी अत्यधिक भीड़ हो जाती है। इसी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले दिन यानी सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन देवी के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क सिटी बस का इंतजाम किया जाएगा ताकि सभी श्रद्धालु समय पर माता के दर्शन कर सकें। इन लोगों को उनके स्थानों से लाया जाएगा और जहां तक बस जा सकती है, वहां तक उन्हें पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही हर एक पंडाल में पीने का पानी और शौचालय और पंडालों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
बता दें कि दुर्गा पूजा को लेकर नगर निगम भी अपनी व्यवस्था चाक-चौबंद रखना चाहता है। नगर आयुक्त शशि रंजन के आदेशानुसार दुर्गा पूजा के दौरान सभी पंडालों में विशेष सफाई अभियान भी चलाया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई समस्या ना हो।
आपको जानकारी होगी कि पूरे देश के अंदर कोलकाता में बड़े ही भव्य तरीके से दुर्गा पूजा मनाई जाती है। बंगाल और झारखंड सटे होने के कारण झारखंड के कई लोग दुर्गा पूजा देखने के लिए बंगाल चले जाया करते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में राजधानी रांची में भी कोलकाता जैसी भव्यता देखने को मिलने लगी है। एक जानकारी के अनुसार हर वर्ष पूरे शहर में करीब एक सौ से अधिक पंडाल बनाए जाते हैं, जिसमें 1 दर्जन से अधिक बड़े और भव्य पंडाल बनाए जाते हैं। इन्हीं पंडालों की भव्यता को देखने के लिए रांची सहित पूरे झारखंड के श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
रांची में दुर्गा पूजा का इतिहास 2000 साल पुराना
आपको यह भी जानकर आश्चर्य होगा कि रांची में दुर्गा पूजा का इतिहास करीब 2000 साल पुराना है। दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्र में दुर्गा पूजा की शुरुआत नागवंशीय महाराज फनी मुकुट राय के समय हुई थी। फनी मुकुट राय की ससुराल बंगाल में थी और वहीं पर उन्होंने दुर्गा पूजा मनाते देखा था। इसी को देखने के बाद उन्होंने अपने महल में भी मां दुर्गा की पूजा अर्चना शुरू कर दी थी। रांची के रातू से भी जुड़ा एक और इतिहास है। वर्ष 1900 ई में रातू गढ़ बनने के बाद यहां भी मां दुर्गा की भव्य पूजा शुरू हुई जो आज भी निरंतर जारी है। यहां भी हर वर्ष दुर्गा पूजा और काली पूजा के दौरान आम लोगों के लिए रातू किला खोल दिया जाता है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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