जदयू और राजद ने देश के गृहमंत्री अमित शाह के बिहार दौरे को साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बताया। आखिर वोट बैंक के लिए अपने को सेकुलर कहने वाले नेता किस हद तक गिरेंगे!
बिहार की राजनीति का पतन किस हद तक हो गया है, इसका अनुमान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के उन बयानों से लगा सकते हैं, जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए बिहार का दौरा कर रहे हैं। बता दें कि अमित शाह दो दिन के दौरे पर बिहार में हैं। कल उन्होंने पूर्णिया में एक विशाल रैली को संबोधित किया। आज वे किशनगंज में हैं।
किशनगंज वह जिला है, जहां बहुत तेजी से मुसलमानों की संख्या बढ़ी है। लगभग दो दशक में किशनगंज का हाल यह है कि यहां की लगभग 80 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की हो गई है। अररिया जिला भी मुस्लिम-बहुल बन चुका है। पूर्णिया और कटिहार में भी मुसलमानों की संख्या बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण है इन जिलों में बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ। वर्षों से इन जिलों में एक षड्यंत्र के तहत बांग्लादेशी मुसलमानों को बसाया जा रहा है। इन्हें बसाने में उन राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं, जो अपने को सेकुलर कहते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता दक्षिणेश्वर प्रसाद रेणु कहते हैं, ‘‘देश के गृहमंत्री के लिए यह कहना कि उनके दौरे से साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है, बहुत ही घटिया सोच है। वास्तव में उनके दौरे से राजद और जदयू के पापों का भंडा फूटने का डर है। ऐसे ही राजनीतिक दलों ने सीमांचल को मुस्लिम-बहुल बना दिया है। यह देश की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है।’’
वहीं पूर्णिया के एक व्यवसायी सतीश कुमार कहते हैं, ‘‘वोट बैंक के लिए राजद, जदयू और कांग्रेस के नेताओं ने पूर्णिया प्रमंडल में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसा दिया है। इन घुसपैठियों के वोट से ही इस प्रमंडल में महागठबंधन (जदयू और राजद) मजबूत है। महागठबंधन के नेताओं को लगता है कि यदि केंद्रीय गृहमंत्री ने घुसपैठियों को लेकर कुछ बोल दिया तो उनका वोट बैंक खिसक जाएगा। इसलिए ये लोग कह रहे हैं कि उनके दौरे से साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।’’
कटिहार में रहने वाले पूर्व रेलवे अधिकारी भागवत मंडल कहते हैं, ‘‘राजद और जदयू के नेता घुसपैठियों के विरुद्ध होने वाली कार्रवाई को इस रूप में प्रस्तुत करते हैं कि आम मुसलमान यह धारणा बना ले कि भाजपा और केंद्र सरकार मुसलमानों के साथ अन्याय करती है। यही कारण है कि घुसपैठियों के विरुद्ध कार्रवाई होते ही मुसलमान सड़कों पर उतर आते हैं और इनके समर्थन में सेकुलर नेता कूद पड़ते हैं। ये नेता वोट बैंक के लिए देश के साथ छल कर रहे हैं। ऐसे नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।’’
वहीं, घुसपैठ से परेशान लोग उम्मीद लगा रहे हैं कि अमित शाह के दौरे से इस क्षेत्र में बांग्लादेशियों के आने-जाने पर सख्ती होगी। आज इस क्षेत्र में इसी कड़ाई की आवश्यकता है, नहीं तो यह पूरा क्षेत्र आने वाले समय में ‘कश्मीर’ बन सकता है।
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