टेरर फंडिंग मामले में एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस ने 15 राज्यों में 93 स्थानों पर छापा मारा। पीएफआई के नेताओं और सदस्यों के खिलाफ मामलों में कार्रवाई की गई। पीएफआई नेताओं और कैडरों की आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग में शामिल होने और लोगों को कट्टरपंथी बनाने के इनपुट मिले थे। इस आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज और मुस्लिम स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया ने इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए देश में आतंकवाद की रोकथाम के लिए की गई कार्रवाई पर सभी को धीरज से काम लेने की बात कही है।
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कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ हुई इस कार्रवाई का ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने स्वागत किया है। पसमांदा मुस्लिमों के संगठन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा- पीएफआई इस्लाम के रक्षक के रूप में कार्य करके देश को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। हमने उनकी नीतियों का लगातार विरोध किया है और प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है।
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज छापेमारी के फैसले से सहमत है। यह मानते हुए कि यह देश के सर्वोत्तम हित में है। हमारा संगठन भारतीय संविधान का पूर्ण समर्थन करता है। भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा और संविधान के विरुद्ध किसी भी प्रकार की गतिविधि अगर राष्ट्र विरोधी है तो इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
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पसमांदा मुस्लिमों के संगठन ने आगे कहा है कि अगर यह कार्रवाई कानून के अनुपालन और आतंकवाद को रोकने के लिए की जा रही है, तो सभी को धैर्य रखना चाहिए। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों पर हत्या, हिंसा और आग्नेयशास्त्र रखने जैसे गंभीर अपराधों के इल्जाम लगाए गए हैं। हालांकि आरोपों को कोर्ट में साबित किया जाना चाहिए। बीते कई दिनों से पीएफआई की तरफ से देश विरोधी गतिविधियों की खबरें आ रही है। पीएफआई के आरोपों के मद्देनज़र देश में मुसलमानों के लिए स्थिरता और शांति को आगे बढ़ाने में सहायता करना आवश्यक है। पीएफआई अपने आप को इस्लाम के रक्षक के तौर पर पेश करके देश को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। मगर, यह रणनीति देश और मुस्लिम समुदाय दोनों के लिए हानिकारक है। महाज ने समय-समय पर पीएफआई की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का विरोध किया है और उन पर प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया है। संगठन ने कहा कि देश का विभाजन करने वाली ताकते अभी देश से गई नहीं है। हम किसी भी आतंकवादी, उग्रवादी व हिंसक गतिविधियों के विरुद्ध हैं। हम मुस्लिम समुदाय के 85% पसमांदा मुस्लिम इस कार्रवाई का समर्थन करते हैं।
वहीं दूसरी तरफ दूसरी ओर मुस्लिम स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया ने ट्विटर के जरिए संदेश जारी किया है। जिसके मुताबिक उन्होंने इस कार्रवाई को लेकर युवाओं को धैर्य रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि- “मुस्लिम संगठनों की अपील तंजीम उलेमा ए इस्लाम, कुल हिंद मरकजी इमाम काउंसिल और MSO ने अपने बयान में कहा है कि क़ानून की अनुपालना और आतंकवाद की रोकथाम के लिए अगर यह कार्रवाई की गई है तो इस पर सभी को धीरज से काम लेना चाहिए।
पीएफआई पर हुए कार्यवाई पर धीरज से काम ले मुस्लिम युवा: मुस्लिम संगठनों की अपील
तंजीम उलेमा ए इस्लाम, कुल हिंद मरकजी इमाम काउंसिल और MSO ने अपने बयान में कहा है कि क़ानून की अनुपालना और आतंकवाद की रोकथाम के लिए अगर यह कार्रवाई की गई है तो इस पर सभी को धीरज से काम लेना चाहिए।— MSO OF INDIA (@msoofindia) September 22, 2022
संगठनों ने कहा कि पीएफआई देश की मूल विचारधारा के विरुद्ध उन्हें बरगलाना चाहते हैं मगर यह स्थिति इस्लाम, देश और मानवता के हित में नहीं है। संगठनों ने भरोसा जताया कि उन्हें देश की न्यायिक व्यवस्था, क़ानून और संविधान में विश्वास है।”
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बता दें आज पीएफआई ने केरल में बंद का आवाहन किया था। जिसमे पीएफआई के समर्थकों ने शुक्रवार को केरल में जमकर उत्पात मचाया। कई जगहों पर बम फेंके। बसों और कारों में तोड़फोड़ की। मामला इतना बढ़ गया कि हाई कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना पड़ा। कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया।
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