उत्तर प्रदेश के पशुधन, दुग्ध विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि प्रदेश में लंपी वायरस से बचाव एवं नियंत्रण के लिए सरकार ने युद्ध स्तर पर कार्रवाई की है। इससे उत्तर प्रदेश में लंपी वायरस के संक्रमण की दर अन्य राज्यों की तुलना में कम है एवं गोवंश की हानि भी काफी कम है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 26 जनपद इससे प्रभावित हैं। अभी तक 26,024 पशु प्रभावित मिले हैं, जिनमें 16,872 पशुओं का उपचार कर रोग मुक्त किया गया है। 273 गोवंश की मृत्यु हुई है। राज्य सरकार की सजगता एवं प्रभावी कार्रवाई का परिणाम है कि संक्रमण से ठीक होने का प्रतिशत 64 है और मृत्यु दर मात्र 1 प्रतिशत है।
पशुधन मंत्री ने बताया कि आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा आदि प्रदेशों की तुलना में यूपी सरकार सफलतापूर्वक इस रोग को नियंत्रित कर रही है। इससे रोग का प्रसार सीमित हो गया है। भारत में 14 प्रदेश लंपी वायरस से प्रभावित हैं जिनमें सर्वाधिक प्रभावित राजस्थान है। राजस्थान में 11,34,709 पशु प्रभावित हुए, जिनमें 50,366 पशुओं की मृत्यु हुई है। पंजाब में 1,73,159 प्रभावित हुए, जिनमें 17,200 पशुओं की मृत्यु हुई है। गुजरात में 1,56,236 पशु प्रभावित हुए हैं, जिनमें 5,544 मृत्यु हुई है। हिमाचल प्रदेश में 66,333 पशु प्रभावित हुए, जिनमें 2,993 मृत्यु हुई है। हरियाणा में 97,821 पशु प्रभावित हुए, जिनमें 1,941 की मृत्यु हुई है। जम्मू-कश्मीर में 32,391 पशु प्रभावित हुए हैं जिनमें मृत्यु हुई 333 की। उत्तराखंड में 11,598 पशु प्रभावित हुए हैं जिनमें 189 की मृत्यु हुई तथा उत्तर प्रदेश में 26,024 पशु प्रभावित हुए हैं, जिनमें 273 की मृत्यु हुई है।
मंत्री ने बताया कि जब तक इस वायरस का प्रकोप समाप्त नहीं हो जाता तब तक पशुओं के बचाव हेतु टीकाकरण अभियान लगातार जारी रहेगा। इसके लिए प्रदेश में 1126 टीमें गठित की गई हैं। प्रदेश में 26,04,500 पशुओं को टीका लगाया गया। 82.50 लाख वैक्सीन उपलब्ध हैं। स्वस्थ पशुओं को यह बीमारी संक्रमित न करे, इसके लिए पशुओं के आश्रय स्थल पंचायतीराज एवं नगर निगम के सहयोग से सोडियम हाइपोक्लोराइट आदि का छिड़काव किया जा रहा है। इसके अलावा पशुओं को मच्छर, मक्खियों आदि से दूर रखने के लिए कीटनाशक दवाओं का भी लगातार छिड़काव किया जा रहा है।
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