टेरर फंडिंग मामले में एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस ने 15 राज्यों में 93 स्थानों पर छापा मारा। पीएफआई के नेताओं और सदस्यों के खिलाफ मामलों में कार्रवाई की गई। PFI नेताओं और कैडरों की आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग में शामिल होने और लोगों को कट्टरपंथी बनाने के इनपुट मिले थे। इस आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से इस बात की जानकारी दी गई।
बुधवार देर रात से लेकर गुरुवार शाम तक चली छापेमारी में पीएफआई के 106 नेताओं और कैडरों को गिरफ्तार किया गया। केरल-39, तमिलनाडु-16, कर्नाटक-12, आंध्र प्रदेश-7, तेलंगाना-1, उत्तर प्रदेश-2, राजस्थान-4, दिल्ली-2, असम-1, मध्य प्रदेश-1, महाराष्ट्र-4, गोवा-1, पश्चिम बंगाल-1, बिहार-1 और मणिपुर में 1 स्थान पर छापा मारा गया। करीब 300 अधिकारी तलाशी अभियान में शामिल रहे। NIA के डीजी ने ऑपरेशन की निगरानी की।
असम में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 10 कार्यकर्ताओं को पूरे राज्य में सांप्रदायिक रंग के साथ सत्ता विरोधी प्रचार प्रसार करने और माहौल को खराब करने एवं देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। गुवाहाटी में PFI पर NIA और ED, की छापेमारी में CJM कामरूप कोर्ट ने 9 अभियुक्तों को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा। वहीं दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने PFI से जुड़े 18 अभियुक्तों को 4 दिन की NIA हिरासत में भेजा।
महाराष्ट्र में हुई कार्रवाई
महाराष्ट्र में नांदेड़ के पांच सहित 20 पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। PFI के कार्यकर्ताओं के देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की सूचना मिली थी। नासिक में एनआईए और ईडी ने PFI के ठिकानों पर छापेमारी की। इसी कड़ी में PFI नेता सैफुर रहमान को मेडिकल के लिए सिविल अस्पताल लाया गया।
गौरतलब है कि 2010-11 से पहले PFI मामलों में कुल 46 आरोपियों को दोषी ठहराया गया था और PFI के खिलाफ मामलों में 355 आरोपियों पर पहले ही आरोपपत्र दायर किया जा चुका है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की उच्चस्तरीय बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक कर देश भर में पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हुई कार्रवाई की जानकारी ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर हुई छापेमारी के बीच हुई इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पीएफआई से जुड़े परिसरों में की जा रही छापेमारी और आतंकवाद के संदिग्धों के खिलाफ की कार्रवाई पर चर्चा की गई। इस उच्चस्तरीय बैठक में शाह के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता समेत शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
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