भारत के जम्मू-कश्मीर में आ रहे सकारात्मक बदलाव पाकिस्तान के गले नहीं उतर रहा है और उसने कई मौकों पर इसे साफ दर्शाया भी है। सार्वजनिक रूप से वह चाहे जितना भारत से मदद और दोस्ती के हाथ बढ़ाने का दिखावा करता है, उतना ही छुपे तौर पर भारत को तोड़ने के षड्यंत्र रचता रहता है। भारत में अलगाववादी ताकतों को हवा देकर और जम्मू-कश्मीर में भाड़े के आतंकियों के हाथों में पैसे और हथियार थमाकर। इसका एक और खुलासा हुआ है।
विश्वभर में चल रहीं आतंकवादी हरकतों पर नजर रखती आ रही ग्लोबल वॉच एनेलिसिस पत्रिका का स्पष्ट मानना है कि पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आईएसआई जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जिलाए रखने के लिए पाकिस्तानी जिहादी गुटों को मदद और पैसा दे रही है। एक तरफ देश के लोग भूखे मरने की कगार पर हैं, दूसरी ओर, पड़ोसी देश भारत के प्रति अपने नफरत से उपजे जिहाद को खाद-पानी देते रहने के लिए इस्लामी पाकिस्तान अपने भाड़े के आतंकियों को लाखों डालर दे रहा है।
पाकिस्तान की कथनी और करनी में कितना बड़ा फासला है, उसके बारे में दुनिया का हर सभ्य देश जानता है। वहां आतंकवाद और आतंकवादियों को किस तरह से इज्जत बख्शी जाती है वह कोई छुपा तथ्य नहीं है। उक्त पत्रिका ने पाकिस्तान का असली चेहरा एक बार फिर से उजागर किया है।
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पत्रिका लिखती है कि, पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को भड़काए रखने के लिए अब दोतरफा तरीका अपना रहा है। उसकी गुप्तचर संस्था आईएसआई आतंकी संगठनों की मदद कर रही है, तो दूसरी तरफ चोरी-छुपे नशा तथा हथियार भेजकर अपने पड़ोसी देश भारत में जम्मू कश्मीर को अशांत करने के षड्यंत्र रचने में लगी है।
ग्लोबल वॉच एनेलिसिस में रक्षा विशेषज्ञ रोलैंड जैकार्ड का लेख बताता है कि आईएसआई ने जम्मू-कश्मीर में परोक्ष युद्ध को अपना समर्थन और सहयोग देना बंद नहीं किया है। वह अब भी लश्करे-तैयबा, जैशे-मोहम्मद और हिजबुल-मुजाहिदीन जैसे जिहादी गुटों को हवा दे रही है। रोलैंड लिखते हैं कि इन दिनों अंतरराष्ट्रीय समुदाय जहां एक तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध, ताइवान संकट तथा मध्य अफ्रीकी देषों में गृहयुद्ध के हालात का सामना कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ, उसके लिए यह सुनिश्चित करना भी बहुत जरूरी है कि विश्व के इस भाग में कोई नया संघर्ष शुरू न हो।
क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना के लिए पाकिस्तान की सरकार तथा फौज पर आतंकवादी गुटों को समर्थन देने की नीति को ठीक करने का लगातार दबाव बनाए रखना जरूरी है। रोलैंड ने संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ तथा एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) के साथ ही तमाम अंतरराष्ट्रीय संगठनों से इस प्रयास में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया है।
पाकिस्तान ने कश्मीर घाटी में भारत के विरुद्ध आतंकवाद जारी रखने के साथ ही एक नए हथियार के तौर पर नार्को-जिहाद को आगे किया है। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अयाज वानी का कहना है कि, कश्मीर में नार्को-जिहाद में एकाएक तेजी देखी गई है। हाल ही में पाकिस्तान ने भारत में चोरी से नशे के साथ ही हथियार पहुंचाने की दोहरी रणनीति चलाई है। उधर रोलैंड ने सावधान किया है कि पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में बीस से ज्यादा आतंकी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं। इन शिविरों में फिलहाल करीब 150 आतंकी मौजूद हैं जो भारत में घुसपैठ करने के मौके की तलाश में हैं।
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