उत्तराखंड सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए जो विशेषज्ञ समिति बनाई थी, उसको अभी तक 1000 से ज्यादा सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। ये सुझाव ईमेल और वेब पोर्टल के माध्यम से राज्य के प्रबुधजनो द्वारा दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता वाली समिति अब इन सुझावों की समीक्षा करेगी और इनमें अहम सुझावों को अपने ड्राफ्ट का हिस्सा बनाएगी। समिति ने इतनी बड़ी संख्या में मिले सुझावों से समिति के सदस्य खासे खुश बताए जाते हैं।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने राज्य में समान नागरिक संहिता बिल लाने की घोषणा की थी, चुनाव के बाद शपथ लेते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में इस आशय के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी। इसका ड्राफ्ट तैयार करने के लिए समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की थी समिति ने नागरिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों, संहिताओं के अध्ययन के लिए कई दौर के बैठकें कीं और उसके बाद पिछले दिनों जन सुझाव प्राप्त करने के लिए एक वेब पोर्टल लांच किया था, जिसमे एक माह तक स्थानीय प्रबुद्ध जनों से सुझाव मांगे गए थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चाहते है की यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बने। मुख्यमंत्री इस बारे में लगातार विधि विशेषज्ञों से राय मशविरा भी करते रहे है।
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