बहुचर्चित अपहरण मामले में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बहन रुबैया सईद जम्मू के टाडा कोर्ट में पेश हुई। कोर्ट ने रुबैया को 1989 में उनके अपहरण से संबंधित मामले के संबंध में जिरह के लिए पेश होने के लिए कहा था। सीबीआई की वकील मोनिका कोहली के अनुसार रुबैया सईद को टाडा कोर्ट में पेश किया गया, जहां बाकी आरोपियों के साथ जिरह की गई है। अब जेकेएलएफ के आतंकी यासीन मलिक से जिरह की जानी बाकी है। अब यासीन को 20 अक्तूबर को दोबारा जिरह के लिए बुलाया जाएगा। कोर्ट ने तिहाड़ जेल से उसे पेश करने का आदेश दिया है। बता दें कि पिछली बार रुबैया कोर्ट में पेश नहीं हुई थी, जिस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए टाडा कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था। लिहाजा आज वह कोर्ट में पेश हुई। इस मामले में रुबैया जुलाई माह में हुई सुनवाई के दौरान पहली बार कोर्ट में पेश हुई थी और उसने आतंकी एवं जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के चेयरमैन यासीन मलिक समेत चार आरोपितों की पहचान की थी।
गौरतलब है कि 1989 में रुबैया सईद का अपहरण हुआ था। तब उसे छोड़ने के लिए 5 आतंकियों को रिहा करने की मांग रखी गई थी। बाद में सरकार ने आतंकियों को छोड़ा, जिसके बाद आतंकियों ने रुबैया को छोड़ा था। अब इसी मामले की जांच सीबीआई कर रही है। यह मामला अब टाडा कोर्ट में है। ऐसे ही आतंकी यासीन मलिक पर एयरफोर्स के 5 कर्मियों की हत्या का केस दर्ज है। यासीन को टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली की विशेष अदालत में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
क्या है पूरा मामला
आतंकी यासीन मलिक पर जिहादियों के साथ मिलकर आठ दिसंबर 1989 को रुबैया का अपहरण करने का आरोप है। यासीन के अलावा इस मामले में अली मोहम्मद मीर, मोहम्मद जमां मीर, इकबाल अहमद, जावेद अहमद मीर, मोहम्मद रफीक, मंजूर अहमद सोफी, वजाहत बशीर, मेहराज-उद-दीन शेख और शौकत अहमद बख्शी भी आरोपित है। टाडा कोर्ट जम्मू ने 29 जनवरी 2021 को इस मामले में यासीन मलिक व अन्य को आरोपित करार दे दिया था। इस बहुचर्चित मामले में टाडा कोर्ट रुबैया समेत तीन गवाहों के बयान दर्ज कर रही है।
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