पड़ोसी इस्लामी देश पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री शेख रशीद एक बार सोशल मीडिया पर सक्रिय हुए हैं और निशाने पर शाहबाज सरकार को लिया है। रशीद ने सरकार की लगातार एक के बाद एक कलई खोलनी शुरू की है। रशीद ने सबसे बड़ी पोल खोली है विदेश मंत्री के नाते काम देख रहे पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भु्ट्टो की। बिलावल के बारे में उनका कहना है कि वे कभी दफ्तर नहीं जाते हैं।
पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री ने मुल्क के पानी ही नहीं, अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भी डूबते जाने को लेकर शाहबाज शरीफ की सरकार को घेरा है और यहां तक कहा है कि अब इस सरकार के दिन गिनती के बचे हैं। पूर्व गृह मंत्री के हिसाब से तो हालात इतने खराब हो चले हैं कि खतरा मंडराने लगा है कि कहीं पाकिस्तान जल्दी ही श्रीलंका की तरह ढह न जाए।
अपने ट्विटर हैंडल पर रशीद ने लिखा है कि पता नहीं सर्वोच्च न्यायालय सरकार के भ्रष्टाचार के 150 संदर्भों को बहाल करेगा कि नहीं। पूर्व गृहमंत्री ने कहा कि एनएबी संशोधनों को नहीं माना जाना जाएगा और एक करोड़ विदेशी पाकिस्तानियों को वोट देने का हक मिल जाएगा।
रशीद के इन कथनों को लेकर पाकिस्तान के सुप्रसिद्ध अंग्रेजी दैनिक द डॉन ने रिपोर्ट छापी है। इसके अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी पर प्रहार करते हुए पूर्व गृह मंत्री का कहना है कि बिलावल मेहमान की तरह रवैया दिखाते हैं। विदेश मंत्री अपने दफ्तर की तरह झांकते भी नहीं हैं।
अपने एक और ट्वीट में रशीद कहते हैं कि पाकिस्तान महंगाई के बोझ तले दबता जा रहा है। उनका दावा है कि सरकार की पेट्रोल की कीमतें कम करने के कदम इसलिए रुके क्योंकि ये शाहबाज सरकार पेट्रोल माफिया के शिकंजे में है।
जानकारों ने रशीद की पेट्रोल वाली बात पर टिप्पणी की है कि फिर रशीद ये भी बताएं कि अगर शाहबाज सरकार पेट्रोल माफिया के शिकंजे में है इसलिए तेल के दाम कम नहीं कर पा रही है तो फिर रशीद यह भी बता दें कि पहले की इमरान सरकार के राज में पेट्रोल क्या हर चीज के दाम आसमान छू रहे थे, वह सरकार किस किस माफिया के शिकंजे में थी?
रशीद के हवाले से डॉन की रिपोर्ट आगे बताती है, शाहबाज सरकार में 21 मंत्री ऐसे तनख्वाह ले रहे हैं जिनके पास कोई विभाग ही नहीं है। इतना ही नहीं, मुद्रास्फीति में जबरदस्त बढ़ोतरी की वजह से मांग में कमी आ गई है इसलिए आम नागरिकों के लिए आम जरूरतें तक पूरी नहीं की जा रही हैं। अर्थ विशेषज्ञों को सबसे बड़ी चिंता पाकिस्तान की सिमटती जा रही अर्थव्यवस्था को लेकर है, जिससे उन्हें आने वाले दिन घनघोर अंधेरे वाले दिख रहे हैं। दरअसल यह सच हे कि पाकिस्तान में महंगाई आज आसमान छूती जा रही है। गत जून माह में मुद्रास्फीति की दर 21.32 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, इस वित्त वर्ष में पाकिस्तान में महंगाई 18-20 प्रतिशत के बीच रहने के आसार हैं।
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