जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक हेड कांस्टेबल मोहम्मद रमजान रेशी को करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। जांच एजेंसी ने खुलासा करते हुए कहा है कि रेशी ने फर्जी दस्तावेजों से एक से अधिक पैन कार्ड और पासपोर्ट हासिल किये। खबर है कि रेशी का खाड़ी देशों में भी जाना हुआ। उसके 16 बैंक खातों से छह करोड़ का लेनदेन हुआ है। आरोपी दस विदेशी फोन नंबरों के लगातार संपर्क में रहा है। ऐसे में रेशी के तार आतंकवाद से जुड़े होने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। जब जांच की गई तो न सिर्फ करोड़ों की धोखाधड़ी बल्कि दस्तावेजों में फर्जीवाड़े से लेकर खुद को कारोबारी और गृह मंत्रालय में पैठ रखने वाला बताकर उसने कई लोगों को चपत लगाई। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रेशी ने पासपोर्ट बनवा लिया, जिसके खाड़ देशों तक पहुंच गया।बता दें कि जम्मू के आबकारी मजिस्ट्रेट की अदालत में रेशी की जमानत अर्जी को इन्हीं आरोपों के आधार पर खारिज कर दिया गया। आबकारी मजिस्ट्रेट जम्मू उमेश शर्मा ने जमानत अर्जी पर दोनों पक्ष सुनने के बाद कहा कि पुलिस में हेड कांस्टेबल रेशी के नाम पर 16 बैंक खाते हैं, जिनमें 6 करोड़ रुपये का लेनदेन और 10 विदेशी मोबाइल नंबरों पर रेशी से संपर्क रहा है। जांच अधिकारी ने आरोपी के मूवमेंट पैटर्न का भी पता लगाकर पाया है कि आरोपी ने मुंबई, उत्तर प्रदेश, गोवा सहित देश के कई हिस्सों का दौरा किया है और वीपीएन सहित कई मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया है।
आतंकी कनेक्शन का दिया हवाला
जांच एजेंसी के अनुसार रेशी का रिश्तेदार भाई बशीर अहमद मीर तहरीक उल मुजाहिदीन का आतंकी था, जिसने 2001 में आत्मसमर्पण कर दिया था। मीर ने 2016 में रियल एस्टेट का काम शुरू किया और कमीशन के आधार पर लाखों रुपये कमाए। वहीं, रेशी ने विदेश जाकर कई ऐसे हाई प्रोफाइल लोगों से संपर्क साधा जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के जरिये माहौल खराब करने पर उतारू हैं। वहीं, रेशी के कई साथियों का पकड़ा जाना भी अभी बाकी है। ऐसे हालात में जमानत देना मुकदमे और देश की सुरक्षा के लिए खतरा होगा।
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