एफएटीएफ की ग्रे सूची में कई सालों से कुलबुला रहे पड़ोसी इस्लामी देश पाकिस्तान आतंकियों को पोसने का अपना ठीकरा अफगानिस्तान के मत्थे मढ़ना चाह रहा है। यही वजह है कि वह आएदिन विभिन्न माध्यमों से तालिबान पर दबाव बनाकर पश्चिमी देशों को यह जताने की भरसक कोशिश कर रहा है कि वह ‘आतंकवाद को खत्म करने को लेकर कितना गंभीर’ है। जबकि असल में उसके सीमावर्ती इलाकों में आतंकी प्रशिक्षण शिविर अब भी चल रहे हैं।
एफएटीएफ की तरफ से पाकिस्तान पर जबरदस्त दबाव है कि वह यूएन के प्रतिबंधित संगठन जैशे-मोहम्मद के आतंकी सरगना मसूद अजहर को जेल में ठूंसे। लेकिन पाकिस्तान सरकार में इतनी जुर्रत नहीं है कि जिहादियों से आफत मोल ले। शायद यही वजह है कि वह तालिबान को कह रहा है कि अपने यहां मौजूद मसूद अजहर को गिरफ्तार करे। वह यह भूल जाता है कि कुछ वक्त पहले उसने मीडिया के जरिए ये बात उड़वाई थी कि मसूद को उसने जेल में डाल दिया है। हालांकि किसी को उसकी बात पर न तब भरोसा था, न ही अब है।
उल्लेखनीय है कि भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर वही इस्लामी जिहादी है जिसे छुड़वाने के लिए 1999 में भारतीय विमान को हाईजैक करके कंधार में उतारा गया था और उसे छोड़े जाने के बाद यात्रियों को रिहा किया था।
कुछ जानकारों ने यह कहा है कि मसूद अजहर कुछ वक्त पहले काबुल में रह रहा था। वहां से उसका कुनार और खोस्त सूबों में भी आना-जाना लगा हुआ था। इसके पीछे की वजह तलाशी गई तो आना-जाना भी था। उसे पाकिस्तान की सरहद के आसपास तथा पाकिस्तान के पूर्वी इलाके में देखा जा चुका है। इतना ही नहीं, इसी साल यूएन के हाथ एक बड़ी जानकारी लगी। यूएन की रिपोर्ट है कि मसूद संभवतः वहां देखा गया हो, क्योंकि अफगानिस्तान के नांगरहाल सूबे में जैशे मोहम्मद के आठ आतंकी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं।
उधर अगले महीने होने जा रही एफएटीएफ की बैठक से पहले पाकिस्तान पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह मसूद अजहर के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करे। ऐसे में पाकिस्तान का तालिबान से यह कहना बहुत कुछ बता देता है कि, ‘मसूद अजहर का पता लगाकर उसे पकड़ा जाए’।
उधर तालिबान की तरफ से पाकिस्तान की बात को सिरे से नकारा जाता रहा है कि मसूद उसके यहां है। उसने तो एक कदम आगे जाकर यह भी कह दिया कि अफगानिस्तान की जमीन से किसी भी हथियारबंद गुट को किसी देश के विरुद्ध हरकत नहीं करने दिया जाएगा। पाकिस्तान का यह दबाव बनाना हाल में संपन्न हुए एससीओ सम्मेलन में भी सामने आया। पड़ोसी इस्लामी देश के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने सम्मेलन में साफ कहा कि मसूद अजहर अफगानिस्तान में ही है।
कुछ विशेषज्ञ यूएन की रिपोर्ट पर सहमति जताते हुए कहते हैं कि तालिबान के राज में बेशक, अफगानिस्तान में जैशे मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं। इसलिए बहुत संभव है आतंकी सरगना मसूद अजहर अफगानिस्तान में ही किसी गुप्त अड्डे पर छिपा हो, अल कायदा के अपने आकाओं की तरह। हालांकि भारत के कुछ रक्षा विशेषज्ञ अब भी यही मानते हैं कि मसूद पर यह टालमटोल इस्लामी पाकिस्तान की एफएटीएफ को धोखे में रखने की एक धूर्त चाल हो।
पाकिस्तान तड़फड़ा रहा है कि वह कैसे भी एफएटीएफ की दागी देशों वाली ग्रे सूची से अपना नाम हटवाने में कामयाब हो जाए। इसीलिए सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की किसी भी बात का भरोसा न किया जाए, क्योंकि जिसकी राज्य नीति ही आतंक को बढ़ावा देने पर टिकी हो, वह आतंकियों को पालना कभी नहीं छोड़ेगा।
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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