चीन के वुहान विश्वविद्यालय की एक खोज उन लोगों के दिल को राह देने वाली है जो चाय के जबरदस्त शौकीन हैं। उनके लिए अच्छी खबर ये है कि अगर वे एक दिन में चार कप से ज्यादा चाय पीते हैं तो उन्हें टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बहुत कम हो जाता है। और अगर वे पिछले 10 साल से ऐसा करते आ रहे हैं तो डायबिटीज का खतरा 17 प्रतिशत तक कम होता देखा गया है। ध्यान दें यह बात खासतौर पर ब्लैक, ग्रीन और दूसरी तरह की चाय पर लागू होती है। और अगर फीकी यानी बिना चीनी की हो तो समझो सोने पर सुहागा। यानी डायबिटीज का जोखिम और भी कम।
यह खुलासा हाल ही में चीन के वुहान विश्वविद्यालय के एक शोध में हुआ है। इससे पहले इस संदर्भ में जो 19 शोध हो चुके हैं, उनका जिक्र करते हुए वुहान विश्वविद्यालय के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के वैज्ञानिक ने कहा कि पहले माना जाता रहा है कि चाय में दूध मिला हो तो ये नुकसानदेह हो जाती है। लेकिन ताजा शोध इस पर यह कहती है कि दूध मिली चाय भी उतना ही फायदा करती है जितना बिना दूध की।
इतना ही नहीं, एक दूसरे विश्लेषण में अमेरिका, एशिया तथा यूरोप के 8 देशों में लोगों से बात की गई जिसमें सामने ये आया कि आम धारणा से उलट, बिल्कुल चाय न पीने वालों के तुलना में एक दिन में एक, दो या तीन कप चाय पीने वाले लोगों में टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम 4 प्रतिशत कम हो जाता है। यह शोध 11 लाख लोगों स चर्चा के आधार पर पूरा किया गया था।
उल्लेखनीय है कि भारत में प्रति 11 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति डायबिटीज का शिकार पाया गया है। इन मरीजों में 90-95 प्रतिशत में टाइप-2 डायबिटीज देखा गया है। ब्रिटेन की बात करें तो वहां डायबिटीज के मरीजों के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहां वर्तमान में से 90 प्रतिशत लोगों को टाइप-2 डायबिटीज देखने में आया है।
एक और दिलचस्प बात, जो लोग कॉफी पीते हैं उनमें मरने का जोखिम कम होता है। ब्रिटेन का ही एक आंकड़ा है कि हर रोज 7 साल तक बिना चीनी वाली 1.5 से 3.5 कप कॉफी पीने वाले लोगों में मरने का खतरा 16-21 प्रतिशत कम पाया गया है। यह आंकड़ा 1.7 लाख से ज्यादा लोगों पर किए गए शोध से सामने आया है।
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