घर में नजरबंद हुए मुख्य न्यायाधीश, राणा को अदालत नहीं जाने दिया सरकार ने
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

घर में नजरबंद हुए मुख्य न्यायाधीश, राणा को अदालत नहीं जाने दिया सरकार ने

नेपाल की देउबा सरकार द्वारा अचानक उठाए गए इस कदम ने वहां राजनीतिक भूचाल ला दिया है। विपक्षी दलों ने इसे एक बड़ा मुद्दा बना दिया

by WEB DESK
Sep 20, 2022, 04:20 pm IST
in विश्व
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चोलेंद्र शमशेर राणा

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चोलेंद्र शमशेर राणा

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

काठमांडू में राजनीति एक बार फिर तेजी से करवट बदल रही है। वहां देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया है। उनके विरुद्ध विशेषाधिकार दुरुपयोग के आरोप में महाभियोग चलाए जाने की प्रक्रिया खत्म हो गई है।
नेपाल की देउबा सरकार द्वारा अचानक उठाए गए इस कदम ने वहां राजनीतिक भूचाल ला दिया है। देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चोलेंद्र शमशेर राणा को जैसे ही शेर बहादुर देउबा सरकार ने उनके ही घर में नजरबंद किया, विपक्षी दलों ने इसे एक बड़ा मुद्दा बना दिया।

कैसे, क्या हुआ इस बारे में न्यायमूर्ति शमशेर राणा ने कहा कि वे सर्वोच्च न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन देउबा की सरकार ने उन्हें जाने से रोक दिया। पुलिस ने उनके रास्ते बंद कर दिए, उन्हें उनके ही घर में नजरबंद कर दिया गया, बाहर पुलिस का कड़ा पहरा लगा दिया गया।

न्यायमूर्ति शमशेर राणा के घर के बाहर पुलिस का पहरा

प्राप्त समाचारों के अनुसार, इस घटनाक्रम से पूर्व न्यायमूर्ति राणा ने सरकार को एक चिट्ठी लिखी थी। उसमें उन्होंने कहा था कि क्यों कि संसद का आखिरी सत्र अब पूरा हो चुका है। नवंबर माह में चुनाव होने तय हैं। इन परिस्थितियों में उनके विरुद्ध महाभियोग की जो प्रक्रिया चल रही थी, वह भी खत्म ही हो चुकी है। अब वे मुख्य न्यायाधीश के नाते अपना काम आगे जारी रख सकते हैं। इसलिए वे अदालत जाएंगे। लेकिन असल में तो सरकार ने इस चिट्ठी के बाद फौरन हरकत में आते हुए उन्हें उनके ही घर में नजरबंद कर दिया।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 13 फरवरी के दिन नेपाली कांग्रेस, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) और सीपीएन (यूएस) के 98 सांसदों ने न्यायमूर्ति राणा के विरुद्ध महाभियोग प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। न्यायमूर्ति राणा पर भ्रष्टाचार तथा सरकार में हिस्सेदारी की सौदेबाजी सहित 21 आरोप लगाए गए थे, उसी माह उन्हें निलंबित कर दिया गया था।

लेकिन वह महाभियोग प्रस्ताव संसद में पारित ही नहीं हो पाया। गत शनिवार यानी 17 तारीख को संसद का आखिरी सत्र भी खत्म हो गया। इसलिए न्यायमूर्ति राणा का तर्क था कि वे अब अदालत जा सकते हैं, क्योंकि अब तो महाभियोग की बाध्यता खत्म हो चुकी है। लेकिन दूसरी तरफ, नेपाल बार एसोसिएशन तथा सर्वोच्च न्यायालय की बार एसोसिएशन भी कमर कसकर मैदान में आ गई है। दोनों संगठनों का कहना है कि वे अदालत में न्यायमूर्ति राणा के विरुद्ध मोर्चा खोले रखेंगे। यानी आने वाला वक्त नेपाल की राजनीति में एक नया हंगामा पैदा कर सकता है।

इस प्रकरण के संदर्भ में पूर्व प्रधानममंत्री के.पी. शर्मा ओली का कहना अब संसद महाभियोग प्रस्ताव पारित करने में नाकाम रही है, इसलिए न्यायमूर्ति राणा को अदालत में लौटने की इजाजत दी जानी चाहिए। राणा को नजरबंद करना दिखाता है कि सरकार कितनी गैर-जिम्मेदार है।

Topics: parliamentnepal#SupremeCourtjusticechiefjusticeshamsherranadeubagovernmentkathmandu
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पोखरा हवाईअड्डा परियोजना न केवल नेपाल की आर्थिक स्थिति पर खराब असर डाल रही है, बल्कि चीन की कर्ज जाल की रणनीति को भी उजागर कर रही है

चीन के चक्कर में अपना खजाना लुटा रहा गरीब नेपाल, करोड़ों के पोखरा हवाईअड्डा प्रोजेक्ट में बीजिंग की धांधली

Nepal Rajshahi Violence

नेपाल: RPP पार्टी के नेता राणा और मिश्रा का पासपोर्ट कैंसिल, राणा की बेटी बोलीं-पिता ने हिन्दू राष्ट्र के लिए उठाई आवाज

Nepal Rajshahi protest

नेपाल: राजशाही की वापसी के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने चलाई गोलियां, एक पत्रकार की मौत

Big boss ban demand in parliament

अश्लीलता और अभद्रता फैलाता है बिग बॉस, भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया ने संसद में की बैन की मांग

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी

गडकरी जी कोई रास्ता बचा है क्या? लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की तारीफ

मणिपुर के लिए 51,463 करोड़ का मेगा बजट पास : वित्त मंत्री सीतारमण बोलीं– पटरी पर लाएंगे व्यवस्था !

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

उत्तराखंड : केन्द्रीय मंत्री गडकरी से मिले सीएम धामी, सड़कों के लिए बजट देने का किया आग्रह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies