पिथौरागढ़। भारत और नेपाल के बीच पिथौरागढ़ जिले में पहला मोटर पुल बनेगा। दोनों देशों की सहमति के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका शिलान्यास किया। ये पुल दोनो देशों के बीच आर्थिक गलियारे का रूप लेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह बहुत ही महत्व का सेतु है। इसके बनने से भारत और नेपाल के बीच आवागमन सुगम होगा, व्यापार बढ़ेगा तथा रोजगार में वृद्धि होगी। सेतु एक वर्ष के भीतर बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस पुल का निर्माण गुणवत्ता के साथ तेजी से किया जाए। पुल की गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मुझे इस पुल के शिलान्यास पर बहुत ही खुशी महसूस हो रही है। जिस काली नदी के किनारे मैं बड़ा हुआ, उस नदी पर बन रहे पुल की स्वीकृति भी मेरे हाथों से ही हुई है। इस पुल के बन जाने से हमारे और नेपाल देश के बीच रोटी -बेटी का संबंध और मजबूत होगा।
प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हो रहा अभूतपूर्व काम
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य में विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। सीमांत गांवों के विकास के लिए काम हो रहा है। मार्ग और दूरसंचार कनेक्टिविटी के लिए तेजी से काम हो रहे हैं। निश्चित रूप से यह दशक उत्तराखंड का होगा। जनपद के आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। हमारी सरकार सहयोगी और साझीदार के रूप में जनता के साथ खड़ी है।
उत्तराखंड में टनकपुर के बाद दूसरा मोटर सेतु
भारत-नेपाल सीमा पर उतराखंड राज्य में टनकपुर के बाद यह दूसरा मोटर सेतु होगा। इस सेतु पर छोटे-बड़े सभी प्रकार के वाहन चल सकेंगें। इसके बन जाने से भारत व नेपाल देश के बीच व्यापारिक सम्बन्धों को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय लोगों को आवागमन की सुविधा मिलेगी। धारचूला क्षेत्र के मल्ला छारछुम में भारत-नेपाल राष्ट्र के बीच काली नदी पर 32 करोड़ 98 लाख 40 हजार रुपए की लागत से 110 मीटर स्पान डबल लेन मोटर पुल बनेगा।
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