पंजाब में जहां मतांतरण जोरों पर है वहीं सांत्वना की बात यह है कि इसको रोकने के लिए भी सामुदायिक प्रयास होने शुरू हो चुके हैं। दिल्ली गुरुद्वारा मैनेजमेण्ट कमेटी द्वारा पिछले कुछ दिनों में दो जगहों पर सिखों की घर वापसी करवाई जा चुकी है और अब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी भी इस फील्ड में प्रचारक उतारने जा रही है।
117 प्रचारकों करेंगे प्रचार
एसजीपीसी की तरफ से 117 प्रचारकों का चुनाव किया गया है, जो लोगों को सिख इतिहास व गुरमति सिद्धांतों की जानकारी देंगे। गुमराह हो चुके लोगों को वापस सिख सिद्धांतों के साथ जोडऩे का प्रयास करेंगे। चुने गए सभी उम्मीदवार प्रचारक सिख मिशनरी कॉलेज और गुरमति विद्यालयों से निकले हैं।
क्या बोले एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी
एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि मौजूदा समय में सिखी प्रचार के लिए अधिक से अधिक प्रचारकों की जरूरत है, जो सिख इतिहास और गुरमति सिद्धांतों के साथ लोगों को जोडऩे के साथ-साथ धर्म की चुनौतियों के बारे में भी जानकारी दें।
गुमराह करने वाले प्रचारकों के बारे में संगत को सचेत करने की जरूरत
हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि बीते कुछ समय से मतांतरण के मुद्दे सामने आ रहे हैं, जिस की जमीनी स्तर पर निशानदेही जरूरी है। गुमराह करने वाले प्रचारकों के बारे में संगत को सचेत करने की जरूरत है। यह वॉलंटियर इसी दिशा में काम करेंगे।
गुमराह हो चुके लोगों को दोबारा सिखी के साथ जोड़ने का उद्देश्य
एसजीपीसी और सिख संस्थाओं का उद्देश्य दिखावा करना नहीं, बल्कि गुमराह हो चुके लोगों को दोबारा सिखी के साथ जोडऩा है। इसके अतिरिक्त विभिन्न निहंग संगठनों, धर्म प्रचार कमेटियों ने भी अपनी-अपनी ओर से मतांतरण रोकने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
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