आईटी में भारत की निगाहें नए अवसरों पर
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

आईटी में भारत की निगाहें नए अवसरों पर

भारत ने आईटी क्षेत्र में जिस तरह लोक को जोड़ा है, वैसी स्थिति पश्चिमी देशों में भी नहीं है। अब कुछ छूट गए और कुछ नए पैदा हो रहे अवसरों पर सरकार तथा उद्यमियों, दोनों की निगाहें

by बालेन्दु शर्मा दाधीच
Sep 16, 2022, 04:41 pm IST
in भारत, विज्ञान और तकनीक
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आईटी की सबसे बड़ी ताकत आम आदमी को सक्षम बनाने में होती है। पिछले एक दशक में आईटी के संदर्भ में एक सांस्कृतिक कायाकल्प दिखाई दिया है जब विकास प्रक्रिया के अंतिम छोर पर खड़ा इंसान भी किसी न किसी रूप में डिजिटल क्रांति से लाभान्वित हुआ है।

आईटी की सबसे बड़ी ताकत आम आदमी को सक्षम बनाने में होती है। पिछले एक दशक में आईटी के संदर्भ में एक सांस्कृतिक कायाकल्प दिखाई दिया है जब विकास प्रक्रिया के अंतिम छोर पर खड़ा इंसान भी किसी न किसी रूप में डिजिटल क्रांति से लाभान्वित हुआ है।

राष्ट्रीय आप्टिकल फाइबर नेटवर्क जैसी सरकारी पहल से लेकर रिलायंस जियो जैसे निजी उपक्रमों ने इसे आम आदमी तक पहुंचाने में अच्छी भूमिका निभाई है। डिजिटल इंडिया को तो भारत के इतिहास की सबसे सफल तकनीकी पहलों में गिना जा सकता है जिसकी कामयाबी में जैम (जनधन बैंक खाते, आधार विशिष्ट पहचान और मोबाइल फोन) ने बुनियादी भूमिका निभाई है।

पिछले मार्च में हमारे यूनिफाइड पेमेन्ट इंटरफेस (यूपीआई) ने पांच अरब मासिक डिजिटल वित्तीय लेनदेन के स्तर को छू लिया। मौजूदा वित्तीय वर्ष में इसके जरिए एक हजार अरब डॉलर (1 ट्रिलियन डॉलर) के लेनदेन की उम्मीद है। जिस तरह आम आदमी पेटीएम, फोन पे, रेजर पे और ऐसे ही दर्जनों दूसरे एप्स के जरिए सुगमता से पैसे का लेनदेन कर रहा है, जिस तरह नेटबैंकिंग सेवाएं आम हो गई हैं, जिस तरह लोगों की पहचान को प्रमाणित करने में आधार ने अद्वितीय योगदान दिया है, वैसा ज्यादातर पश्चिमी देशों में भी दिखाई नहीं देता। आम आदमी हमारे आईटी ढांचे के केंद्र में आ रहा है। इस प्रक्रिया के पूरे होने पर जब देश में तकनीकी मानस की प्रधानता होगी, तब यहां कैसा डिजिटल कायाकल्प हो चुका होगा, उसकी कल्पना मुश्किल नहीं है।

आईटी के अपेक्षाकृत गैर-पारंपरिक क्षेत्रों (कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्लाउड, एनालिटिक्स, बिग डेटा, मोबाइल, संचार आदि) में उभरते अवसरों की भारत के लिए खासी अहमियत है। इंटरनेट और दूरसंचार के क्रांतिकारी बदलावों की बदौलत सॉफ्टवेयर क्षेत्र में आया ताजा हवा का झोंका आईटी क्षेत्र की उन शक्तियों को इस दौड़ में कूदने मौका दे रहा है, जो किसी न किसी कारण से अतीत में इस किस्म के अवसर खो चुकी हैं। इसका नमूना हम स्टार्टअप क्षेत्र में देख रहे हैं, जहां भारत में सौ से ज्यादा युनिकॉर्न हैं और इनमें से लगभग आधे पिछले एक-दो साल में यूनिकॉर्न की सूची में आए हैं। यूनिकॉर्न से मतलब उन स्टार्टअप से है जिनका बाजार मूल्य एक अरब डॉलर (7800 करोड़ रुपये से अधिक है)।

सॉफ्टवेयर उत्पादों के लिए हालात पहले से ज्यादा अनुकूल हैं। देश को कृत्रिम बुद्धिमत्ता और विनिर्माण का वैश्विक हब बनाने की कोशिशें चल रही हैं। सोशल मीडिया, मोबाइल प्लेटफॉर्म, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे नए तकनीकी क्षेत्रों के उदय ने हमारे लिए नए अवसर खोल दिए हैं।

आईआईटी, आईआईएम और अनगिनत इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा पेशेवर पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले संस्थानों ने हमारे युवाओं को लीक से हटकर सोचने के लिए प्रेरित किया है। बहुत सारी सफलता की गाथाएं भी उन्हें निजी उद्यम और नवाचार के स्तर पर कुछ नया कर दिखाने के लिए उकसा रही हैं।

साथ ही सरकारी प्रयासों से भी देश में प्रौद्योगिकी आधारित उद्यमों के लिए माहौल बना है। यह सब हमारे स्टार्टअप तंत्र को मजबूत बना रहा है। हालांकि अतीत में परिस्थितियां इतनी अनुकूल तो नहीं रहीं जैसी आज हैं, परंतु अतीत में भी भारत में लोग बड़े काम करते रहे हैं, भले ही सीमाओं के भीतर या सीमाओं से बाहर जाकर।

पराग अग्रवाल इस संदर्भ में एक ताजा उदाहरण हैं, जिन्हें कुछ महीने पहले ट्विटर का सीईओ नियुक्त किया गया है। उनसे पहले सत्य नडेला (माइक्रोसॉफ़्ट के चेयरमैन), सुंदर पिचाई (एल्फाबेट- गूगल), शांतनु नारायण (एडोबी), अरविंद कृष्ण (आईबीएम), संजय मेहरोत्रा (माइक्रोन टेक्नॉलॉजी), निकेश अरोड़ा (पॉलो आल्टो नेटवर्क्स), अजय पाल सिंह बंगा (मास्टर कार्ड) आदि ने दुनिया की बड़ी और महत्वपूर्ण कंपनियों का नेतृत्व किया है और कर रहे हैं। फिलहाल, भारतीयों ने जो कुछ कर दिखाया, अब उसका उत्सव मनाने और उसे आगे बढ़ाने का मौका है।

सॉफ्टवेयर उत्पादों के लिए हालात पहले से ज्यादा अनुकूल हैं। देश को कृत्रिम बुद्धिमत्ता और विनिर्माण का वैश्विक हब बनाने की कोशिशें चल रही हैं। सोशल मीडिया, मोबाइल प्लेटफॉर्म, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे नए तकनीकी क्षेत्रों के उदय ने हमारे लिए नए अवसर खोल दिए हैं। दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनियां (माइक्रोसॉफ़्ट, गूगल, अमेजॉन, ओरेकल आदि) अपनी क्लाउड सेवाओं को भारतीय भौगोलिक सीमाओं के भीतर ला चुकी हैं ताकि डेटा के देश से बाहर जाने की चुनौती और जोखिम का समाधान हो सके।

कुछ छूट गए अवसर और कुछ नए पैदा हो रहे अवसर, दोनों पर सरकार तथा भारतीय उद्यमियों की निगाहें हैं। अगले 25 साल में भारत आईटी में क्या कुछ रोमांचक उपलब्धि हासिल कर दिखाता है, उस पर दुनिया की निगाहें बनी रहेंगी। लक्ष्य तो नंबर एक है। ल्ल

Topics: भारतीय उद्यमियों की निगाहेंदुनिया की निगाहेंडिजिटल क्रांतिसॉफ्टवेयर उत्पाद
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

बढ़े कदम, बड़े कदम

सेहत की दुश्मन न बने तकनीक

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Representational Image

IMF से पैसा लेकर आतंकवाद में लगा सकता है पाकिस्तान, भारत ने बैठक में जताई चिंता, रिकॉर्ड पर लिया बयान

PIB Fact Check : दिल्ली आगजनी और मिसाइल हमले का फर्जी वीडियो वायरल, PIB ने खोली पाकिस्तान की पोल!

चित्र वर्तमान समय के अनुसार नहीं है. प्रतीकात्मक हैं.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान कर रहा भारी गोलीबारी : भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब, हमास के हथकंडे अपना रहा आतंकिस्तान

Tension on the border : जैसलमेर-बाड़मेर समेत 5 ज़िलों में हाई अलर्ट और ब्लैकआउट, शादी-धार्मिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदी

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies