उन्मादियों के डर से घंटों कमरे में बंद रहते थे
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

उन्मादियों के डर से घंटों कमरे में बंद रहते थे

बंटवारे के समय मैं यही कोई छह-सात साल की थी। पिताजी वकालत करते थे। बहुत अच्छा काम चलता था। जहां तक मुझे याद है माहौल भी ठीक-ठाक था उन दिनों, लेकिन विभाजन का शोर जब उठना शुरू हुआ तो एकाएक माहौल में परिवर्तन आ गया

by WEB DESK
Sep 16, 2022, 01:20 pm IST
in भारत
मीरा चितकारा

मीरा चितकारा

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

न भूलने वाला पल

रिश्ते में हमारी एक ननद थीं। मुसलमान उनको नाते-रिश्तेदारों के बीच से उठाकर ले गये थे। हिन्दुओं ने अपनी आंखों के सामने बहन-बेटियों पर जुल्म होते देखा।

मीरा चितकारा

फ्रंटियर, बन्नू, पाकिस्तान

बंटवारे के समय मैं यही कोई छह-सात साल की थी। पिताजी वकालत करते थे। बहुत अच्छा काम चलता था। जहां तक मुझे याद है माहौल भी ठीक-ठाक था उन दिनों, लेकिन विभाजन का शोर जब उठना शुरू हुआ तो एकाएक माहौल में परिवर्तन आ गया।

पिताजी बाहर ही रहते थे। जब घर आते थे तो बाहर के हालात के बारे में सब कुछ बताते थे। घर से लेकर गांव और पड़ोस के शहरों से उन्माद भरी खबरें आनी शुरू हो गईं।

हमें खूब याद है कि जब हम घर से बाहर निकलते थे तो शोर मचता था, ‘भागो-भागो, मारने के लिए मुसलमान आ गए।’ जैसे ही यह शोर मचता था तो घर के बच्चों को एक कमरे में बंद कर दिया जाता।

कमरे में ही खाने-पीने का सामान रख दिया जाता। और हम कई-कई घंटे कमरे में ही बंद रहते थे। मतलब बहुत डर की स्थिति हो गई थी। इलाके के हिन्दू बुरी तरह डरे हुए थे।

मेरे पिताजी का इलाके में बहुत रुतबा और सम्मान था। इसलिए मुसलमानों ने यहां तक कह दिया था कि हम इनको छोड़ेंगे नहीं, क्योंकि यदि ये जिंदा चले गये तो हमारे खिलाफ बहुत तेजी से आवाज उठाएंगे। इसलिए वे हमारे परिवार को लगातार परेशान कर रहे थे। एक तरह से कहें तो जीना मुश्किल कर दिया उन्होंने।

हालत यह थी कब, किसकी जान पर बन आए, किसी को कुछ पता नहीं था। और अंतत: ऐसी स्थिति में घर छोड़ना ही पड़ा। कोई कैसे रह सकता है ऐसे माहौल में, जहां एक-एक सांस लेने में समस्या हो। यह अकेले मेरे परिवार की स्थिति नहीं थी। इलाके के सभी हिन्दू-सिख परिवार डरे हुए थे। सभी जान बचाने के लिए भाग रहे थे।

एक घटना जो मुझे बाद में पता चली। रिश्ते में हमारी एक ननद थीं। मुसलमान उनको नाते-रिश्तेदारों के बीच से उठाकर ले गये। जिहादियों का झुंड घर में घुसकर मारकाट करने लगा। सभी के पास हथियार थे। उन्होंने ननद का अपहरण कर लिया और ले जाने लगे। इतने में परिवार के लोग उन्हें बचाने के लिए पीछे भागे तो जिहादियों की ओर से अंधाधुंध गोलीबारी की गई। और इसी गोलीबारी के बीच मुसलमान ननद को उठाकर ले गए।

यानी हिन्दुओं ने अपनी आंखों के सामने बहू-बेटियों पर जुल्म होते देखा और कुछ नहीं कर पाए। इस परिवार पर दुखों का पहाड़ तब एक बार और टूटा जब जिहादी उनके एक बेटे को भी उठाकर ले गये और जान से मार डाला। बहुत ही क्रूर थे वहां के मुसलमान।

आज जब कभी पुराने दिनों की याद आती है, तो रोना आ जाता है। जख्म उभर आते हैं। भगवान कभी किसी को ऐसे दिन ना दिखाए, जो दिन विभाजन के दौरान हिन्दू और सिखों ने मुसलमानों के पाकिस्तान में देखे।

Topics: सिखहिन्दुओं ने अपनी आंखों के सामने बहू-बेटियों पर जुल्म होते देखाHindus saw atrocities on daughters-in-law before their eyesहिन्दूमुसलमानमीरा चितकारा
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

वीडियो में कुर्ता—लुंगी और गोल टोपी पहने मुस्लिम लोग खुशी खुशी बरगद के पेड़ पर आरी चलाते दिखते हैं

Bangladesh : मजहबी उन्मादियों का दिमागी दिवालियापन हुआ साबित, फतवा देकर काटा बरगद का पुराना पेड़, हिन्दुओं में आक्रोश

File Photo

Bangladesh : मजहबी उन्मादी तोड़ रहे हिंदू मंदिर, प्राचीन श्मशान को हटाकर बना रहे ‘एनीमल मार्केट’

Representational Image

Tamil Nadu: 21 मंदिरों का 1000 किलो सोना पिघलाकर बैंकों में जमा कराया हिन्दू विरोधी स्टालिन सरकार ने

Bangladesh Hindu student beaten by islamist

बांग्लादेश: हाथ में कलावा पहनने पर हिन्दू छात्र पर इस्लामवादियों ने किया हमला

शैतान सालार पर शोर क्यों!

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में पंजाब में लगभग 50 अहमदिया समुदाय के लोगों पर नमाज पढ़ने पर हुई एफआईआर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

बौखलाए पाकिस्तान ने दागी रियाशी इलाकों में मिसाइलें, भारत ने की नाकाम : जम्मू-पंजाब-गुजरात और राजस्थान में ब्लैकआउट

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies