कनाडा टोरंटो में स्थित स्वामीनारायण मंदिर की दीवार पर भारत विरोधी नारे लिखे जाने का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं मंदिर की दीवारों पर तोड़फोड़ भी की गई है। भारत सरकार ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस घटना की निंदा करते हुए कनाडा प्रशासन से इस मामले की जांच करने और आरोपियों के खिलाफ त्वरित कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। यह काम किस संगठन का है, इसकी अभी कोई जानकारी नहीं मिली है।
कनाडा के टोरंटो में भव्य स्वामी नारायण मंदिर परिसर में कुछ लोग घुस गए मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे भी लिखे और तोड़फोड़ की। तोड़फोड़ के बाद उपद्रवियों ने मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे भी लिखे और भाग गए। इस संबंध में वायरल हुए सीसीटीवी फुटेज में दीवारों पर खालिस्तान जिंदाबाद और हिन्दुस्तान मुर्दाबाद जैसे नारे लिखे दिख रहे हैं। बाद में मंदिर प्रशासन ने मामले की शिकायत टोरंटो पुलिस से की।
मंदिर की दीवारों पर जिस तरह से नारे लिखे गए है उससे माना जा रहा है की ये खालिस्तान समर्थकों का है, वैसे पिछले दिनों पाकिस्तान से खालिस्तान के नाम पर ऑनलाइन अराजकता की बात सामने आने के चलते इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साजिश भी माना जा रहा है।
इस घटना के बाद से कनाडा के हिंदू समुदाय में आक्रोश है और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने स्वामीनारायण मंदिर में तोड़-फोड़ की निंदा की है। भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर तोड़-फोड़ और भारत विरोधी नारे लिखे जाने को निंदनीय करार दिया है। साथ ही कनाडा के अधिकारियों से घटना की जांच करने का आग्रह भी किया है।
We strongly condemn defacing of BAPS Swaminarayan Mandir Toronto with anti-India graffiti. Have requested Canadian authorities to investigate the incident and take prompt action on perpetrators. @MEAIndia @IndiainToronto @PIB_India @DDNewslive @CanadainIndia @cgivancouver
— India in Canada (@HCI_Ottawa) September 15, 2022
भारतीय मूल के कनाडा के सांसद चंद्र आर्य ने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। इससे पहले भी अन्य मंदिरों में नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा चुकी है।
ब्रैम्पटन दक्षिण की सांसद सोनिया सिद्धू ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि हम एक बहुसांस्कृतिक और बहु-धार्मिक समुदाय में रहते हैं जहां हर कोई सुरक्षित महसूस करने का हकदार है। ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने इस तरह के हमले पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि कनाडा में इस तरह की नफरत का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस घटना के जिम्मेदार अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।
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