पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा के नबान्न अभियान के दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां भांजी. क्या महिला, क्या पुरुष, किसी को भी नहीं छोड़ा. प्रदर्शन के दौरान पुलिसिया जुल्म में कई कार्यकर्ता गभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका स्थानीय अस्पताल में इलाज किया गया है. इतना ही नहीं आगजनी और धारा 144 तोड़ने सहित विभिन्न मामलों को लेकर भाजभाजपा कार्यकर्ताओं पर 6 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इसमें पुलिस की गाड़ी को नुकसान पहुंचाने, बड़ाबाजार में पुलिस अधिकारी का हाथ तोड़ने और धारा 144 तोड़ने के मामले शामिल हैं. पुलिस ने भाजपा के नबान्न अभियान के दौरान कुल 90 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें 27 महिलाएं हैं.
https://twitter.com/sharmarekha/status/1569628250279911424?t=blRY-q1rQWKUdsbOJdwjVA&s=19
कोर्ट ने तलब की रिपोर्ट
नबान्न अभियान के दौरान बवाल को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार से रिपोर्ट तलब की है. गृह सचिव को 19 सितंबर तक रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. दूसरी ओर, पुलिस कार्रवाई के खिलाफ भाजपा पूरे राज्य में काला दिवस मना रही है. बता दें नबान्न अभियान’ के दौरान हावड़ा, सांतरागांछी और कोलकाता में जमकर बवाल देखने को मिला. भाजपा समर्थकों को रोकने के लिए पुलिस ने प्रदर्शन वाले स्थानों पर बैरिकेड्स लगाये थे और बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की थी. हालांकि भाजपा समर्थक नबान्न तक नहीं पहुंच पाये, लेकिन बार-बार पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़पें हुईं. इसमें कोलकाता की पूर्व उपमेयर मीना पुरोहित को सिर पर काफी चोंट लगी हैं. घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है.
https://twitter.com/sharmarekha/status/1569661516332531713?t=KUm2nBrV1t4fuHi4bODYmw&s=19
शांतिपूर्ण हो रहा था प्रदर्शन फिर भी बरसाईं लाठियां
नबान्न अभियान पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था. बावजूद पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर बल प्रयोग किया. विधानसभा में विरोधी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी, बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, सांसद लॉकेट चटर्जी, पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा सहित कई नेताओं को हिरासत में भी ले लिया गया था. इस दौरान सुकांत मजूमदार ने कहा कि वे लोग शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे भाजपा समर्थकों पर लाठियां बरसाईं. पानी की बौछारे कीं. आंसू गैस के गोले छोड़ें. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शन के दौरान बम की आवाजें सुनाई दे रही थी. उन्होंने पुलिस पर बमबाजी करने का आरोप लगाया.
गौरतलब है कि भाजपा ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकने और पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है. गृह सचिव कोर्ट को रिपोर्ट देंगे. इसके साथ ही कोर्ट ने सभी गिरफ्तार लोगों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान भाजपा के वकील ने पूछा, ”पुलिस ने शांतिपूर्ण मार्च क्यों रोका?” आरोप लगाया कि पुलिस भाजपा के पार्टी कार्यालय में घुस गई. पुलिस पर जुलूस में बाधा डालने का आरोप लगाया. यह भी दावा किया गया कि पार्टी के शीर्ष नेताओं को महिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
टिप्पणियाँ