बिहार में अपराध को लेकर अजब-गजब किस्से सामने आते रहते हैं। 90 के दशक में पटना के मैनपुरा मुहल्ले में आग्नेयास्त्रों की बिक्री खुलेआम होती थी। हथियारों की दर दुकानों पर लिखी रहती थी। जैसे- एके-56, एके-47, सेमी ऑटोमेटिक राइफल, ऑटोमेटिक पिस्टल, रिवाल्वर और उसके कारतूस के दाम बोर्ड पर लिखे रहते थे। कोई भी व्यक्ति निश्चित दाम देकर कारतूस ले लेता था।
लगता है बिहार फिर से उस दौर में पहुँच गया है। यहां सबके लिए अपराध करने की स्वतंत्रता है। अगर आप अपराधी नहीं हैं तो शायद आपके लिए बिहार नहीं है। अब बिहार में अपराधी के हाथ में कट्टे की जगह एके-47 आ गई है और कट्टा रखने का काम शिक्षक कर रहे हैं। दो दिन से एक वीडियो सोशल मीडिया में बड़ा वायरल हो रहा है। इसमें एक शिक्षक कट्टे से केक काटता दिख रहा है। बिहार की कानून-व्यवस्था को इसी से समझा जा सकता है कि दो दिन तक इस वीडियो के वायरल होने पर भी शिक्षक बेखौफ घूमता रहा।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि शिक्षक दिवस के दिन अफजल नामक शिक्षक कट्टा लहराते हुए केक काट रहा है। पता चला है कि सारण के मांझी क्षेत्र में माली टोला निवासी अफजल स्थानीय स्तर पर एक स्कूल भी चलाता है। स्थानीय शनिचरा बाजार स्थित अपने विद्यालय में अफजल शिक्षक दिवस का कार्यक्रम मना रहा था। इस दौरान वह बच्चों के सामने देशी कट्टे के साथ फोटो लेता रहा। इस कार्यक्रम में कई छोटी-छोटी बच्चियां भी थीं। इन मासूमों के सामने ही पहले अफजल ने कट्टे को लहराया, फोटो शूट करवाया और बाद में कट्टे की नोंक से केक काटा।
अफजल की इस अजीबो-गरीब हरकत से लोगों में उबाल आ गया। सोशल मीडिया पर इसे शिक्षक समुदाय के सम्मान के साथ खिलवाड़ बताया गया। भाजपा नेता अशोक सिंह ने इसे शिक्षक समुदाय के लिए कलंक बताया है। उन्होंने अविलंब दोषी शिक्षक को गिरफ्तार करने की मांग की। वहींं, मांझी के पूर्व जिला पार्षद अभिषेक कुमार ने दोषी शिक्षक को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजने एवं विद्यालय को अविलंब सील किए जाने की मांग की। पुलिस जनता के बढ़ते दबाव के बाद सक्रिय हुई। 7 सितम्बर को मांझी थाना पुलिस ने अफजल को हिरासत में ले लिया। इसके बाद उस शिक्षक के समर्थन में थाने के बाहर भीड़ जमा हो गई।
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