जिसने भी सुनी श्री राम कथा, दूर हुई उसके जीवन की व्यथा : सीएम योगी

सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

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लखनऊ ब्यूरो

मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का पावन जीवन चरित्र समूची मानवता के लिए दिग्दर्शन है, प्रेरणा एवं प्रकाश है। उनके जीवन से हम सबको विषम परिस्थितियों में जूझने की प्रेरणा मिलती है। हमारे मनीषियों ने माना है कि श्रीराम ही साक्षात धर्म हैं अर्थात श्रीराम ही सबकुछ हैं। भगवान श्रीराम की कथा जिसने भी सुनी, उसके जीवन की सभी व्यथा दूर हुई। उसे भवसागर से मुक्ति मिली और सफलता का मार्ग प्रशस्त हुआ।

सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 53वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 8वीं पुण्यतिथि समारोह के उपलक्ष्य में बुधवार अपराह्न श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म की व्याख्या को लेकर विद्वानों में कुछ मतभेद हो सकता है लेकिन अलग-अलग व्याख्याओं में धर्म के जितने भी लक्षण बताए गए हैं, वे सब श्रीराम के पावन चरित्र में समाहित हैं। यह हम सबका सौभाग्य है कि हमें श्रीराम कथा श्रवण का आनंद प्राप्त हो रहा है।

गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वर्तमान पीढ़ी का सौभाग्य है कि वह श्रीराम कथा श्रवण की परंपरा से उस दौर में जुड़ रही है जब श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर हो रहा है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 500 वर्षों के लंबे इंतजार में कई पीढ़ियां चली गईं, लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। श्रीराम मंदिर का निर्माण अपनी विरासत के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित करने का भी माध्यम है। अपनी विरासत व महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के ही लिए गोरखनाथ मंदिर में प्रति वर्ष ब्रह्मलीन आचार्यों की पुण्य स्मृति में कथा का आयोजन होता है। वार्षिक कथा के श्रवण के लिए श्रद्धालुओं को उत्सुकता से इंतजार रहता है।

मुख्यमंत्री के संबोधन के उपरांत श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा का रसपान व्यासपीठ पर विराजमान जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज (पीठाधीश्वर, अशर्फी भवन अयोध्या) ने कराया। इस अवसर पर जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्य, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, स्वामी अनंताचार्य, महंत शेरनाथ, संत अवधेश दास, सतुआ बाबा समेत बड़ी संख्या में संतजन, यजमान व श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक सुनाई जाएगी। इसका विराम हवन एवं भंडारे के साथ 13 सितंबर को होगा।

 

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