उत्तराखंड में समुदाय विशेष की बढ़ती आबादी की वजह से भू कानून में संशोधन जरूरी

- भू कानून संशोधन के लिए बनाई गई समिति ने अपनी रिपोर्ट में जताई चिंता

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उत्तराखंड ब्यूरो

देवभूमि राज्य में भू कानून संशोधन के लिए बनाई गई समिति ने जो रिपोर्ट सरकार को दी है उसमे इस बात की चिंता करते हुए जिक्र किया गया है कि उत्तराखंड में एक समुदाय विशेष की बढ़ती आबादी की वजह से भू कानून में संशोधन जरूरी है।

राज्य सरकार द्वारा बनाई गई भू कानून संशोधन समिति के अहम सदस्य अजेंद्र अजय ने बताया कि करीब अस्सी पेज की रिपोर्ट में हम जो सिफारिश कर रहे है उसमे इस बात के जिक्र भी किया गया है कि राज्य में एक समुदाय विशेष की आबादी तेजी से बढ़ रही है जिसकी वजह से जनसंख्या असंतुलन बढ़ रहा है, उन्होंने कहा कि इनकी आबादी बढ़ने से मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में इनके मजहबी स्थलों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

अजेंद्र अजय ने अजय ने बताया कि हमारी समिति को कई लोगो ने जो भू कानून में संशोधन के लिए सुझाव दिए है उनमें इस बात की चिंता व्यक्त की गई है कि एक समुदाय विशेष की आबादी की वजह से यहां सख्त भू कानून की जरूरत है। हमने जो सिफारिश सरकार से की है उसके अनुसार उत्तराखंड का भू कानून हिमाचल के कानून के प्रारूप का सत्तर फीसदी मेल खाता है। अब ये सरकार का निर्णय है कि वो कितनी संस्तुतियां हमारी समिति की मानती है।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में मुस्लिम आबादी असम के बाद सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रही है और नैनीताल उधमसिंह नगर हरिद्वार और देहरादून जिलों में ये आबादी तीस फीसदी से ज्यादा हो चुकी है और पहाड़ी जिलों में भी तेजी से बढ़ने लगी है।

“पाञ्चजन्य” ने इस बारे में सबसे पहले खुलासा किया था  कि राज्य में जनसंख्या असंतुलन की स्तिथि पैदा हो रही है। इसके बाद विधान सभा चुनाव से पहले उत्तराखंड के युवाओं ने सोशल मीडिया इस मुद्दे को राजनीतिक दलों के आगे रखा था, बीजेपी ने अपने दृष्टि संकल्प पत्र में शामिल किया और पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने भू कानून में संशोधन के लिए एक हाई पावर समिति का गठन किया था।जिसकी रिपोर्ट अब सरकार को मिल गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का बयान

भू संशोधन कानून की संस्तुतियां सरकार को मिल गई है। सरकार इन पर अध्धयन करके कैबिनेट में रखेगी और भू कानून में संशोधन करेगी ।

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