अपने पूर्वजों को खोजने वेस्टइंडीज से जौनपुर पहुंची निर्मला, जानिए क्या है कहानी

- निर्मला के अनुसार वर्ष 1880 में परदादा विश्वनाथ यादव को अंग्रेज साथ लेकर चले गए थे। तभी से वो आस्ट्रेलिया में रह रहे थे।

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लखनऊ ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में अपने पूर्वजों को खोजते हुए 142 वर्षों बाद वेस्टइंडीज से एक महिला पहुंची। बरसठी थाना इलाके के बारी गांव पहुंचकर महिला निर्मला ने ग्राम प्रधान अर्जुन यादव से संपर्क किया। महिला पूरा दिन गांव में घूम कर अपने पूर्वजों का पता करती रही। लेकिन उसको अपने परदादा का घर नहीं मिल पाया।

निर्मला के अनुसार वर्ष 1880 में परदादा विश्वनाथ यादव को अंग्रेज साथ लेकर चले गए थे। तभी से वो आस्ट्रेलिया में रह रहे थे। उनेक बाद के पीढ़ी के कई परिजन इस समय वेस्टइंडीज, गयाना, कनाडा और साउथ अफ्रीका में रह रहे हैं। निर्मला के पिता गणेश और दादा का नाम शिवदयाल है। निर्लमा अपने परदादा के जन्मस्थान को देखने गांव में पहुंची थी। गांव के प्रति उसका लगाव अद्भुत था।

ग्राम प्रधान अर्जुन यादव ने बताया कि निर्मला ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया था। दूतावास के जरिये जौनपुर के जिलाधिकारी से बातचीत हुई थी। बरसठी थाने से संपर्क कर वो बारी गांव तक पहुंची। महिला अपने पूर्वजों से तो नहीं मिल पाई, लेकिन ग्रामीणों के प्यार ने उसे अपनत्व का अहसास करा दिया। निर्मला ने गांव के लोगों के साथ भोजन किया। गांव की पगडंडियों पर घूमीं। वहां के लोगों से काफी देर तक बातचीत की। वह दोबारा आने की बात कहकर प्रयागराज में स्थित इस्कॉन मंदिर चली गईं। ग्रामीणों के साथ उन्होंने कई तस्वीरों खिंचवाई।

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