काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव कूड़ा बीनने वाले एवं मुसहर समाज के बच्चों को शिक्षित एवं संस्कारित करने के लिए 35 वर्षों से अनवरत कार्य कर हैं। 900 से अधिक बच्चों को एक अभिभावक की तरह पालन-पोषण कर शिक्षित कर चुके हैं। स्टेशन पर बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने वर्ष 1988 में विशाल भारत संस्थान की स्थापना की थी।
बच्चों को शिक्षा के साथ राष्ट्रभक्ति का संस्कार देने के लिए सुभाष भवन एवं सुभाष मन्दिर की स्थापना की जहां बच्चों की आवश्यकताएं पूरी होती है। शिक्षा के लिए समर्पित व्यक्तित्व डॉ राजीव अपना पूरा वेतन दान कर देते हैं। बेसहारा बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाये इसके लिए डॉ राजीव खुद को सुख सुविधाओं से दूर कर लिया है।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में इतिहास के शिक्षक के रूप में इतने लोकप्रिय हैं कि उनकी कक्षा में अन्य विषयों के भी विद्यार्थी भी रहते हैं। अपने विद्यार्थियों से एक अभिभावक की तरह व्यवहार करने वाले डॉ राजीव उनके प्रत्येक संकट में उनके साथ खड़े रहते हैं। कई ऐसे भी विद्यर्थी हैं जो बीएचयू में पढ़ने आये और गुरुजी के साथ ही रहने लगे। लोग उन्हें गुरुजी के सम्बोधन से ही बुलाते हैं। सुभाष समाज के लोग एक परिवार की तरह रहते हैं और एक ही भोजनालय में भोजन करते हैं। धर्म और जाति का कोई भेद नहीं है।
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