एक निजी टेलीविजन चैनल को हाल में दिए अपने साक्षात्कार में तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि हम भारत सरकार को पूरी गारंटी देते हैं कि हम अफगान धरती का इस्तेमाल भारत क्या, किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने देंगे। जबीउल्लाह ने इसे तालिबान की नीति भी बताया। उसका कहना है कि तालिबान पर किसी की लगाम नहीं चलती। तालिबान प्रवक्ता ने साफ शब्दों में कहा है कि भारत-अफगानिस्तान संबंधों को तोड़ने वाले अपने मकसद में कभी भी कामयाब नहीं होंगे।
इस साक्षात्कार में तालिबान प्रवक्ता एक बार फिर भारत-अफगानिस्तान रिश्तों को बेहतर बनाने पर बल देते हुए कहा कि जो भारत-अफगान संबंधों को तोड़ने की कोशिशें कर रहे हैं वे कभी भी सफल नहीं होंगे। अफगानिस्तान की सत्ता पर जमे कट्टर इस्लामी जिहादी सोच के इस समूह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तालिबान पर कोई विदेशी नियंत्रण नहीं है।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के हाल ही में एक साल पूरा हुआ है। लेकिन अभी भी दुनिया के किसी भी देश ने तालिबान की इस्लामिक अमीरात सरकार को राजनयिक तौर पर मान्यता नहीं दी है। दिलचस्प तथ्य तो यह है कि तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा कराने में पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा मदद की है, लेकिन आज उससे भी तालिबान कुछ नाराज ही दिखाई दे रहा है, पाकिस्तान भी लाभ मिलता न देखकर पीछे हट चुका है। इन हालात में तालिबान को भी समझ आ गया है कि उसे भारत की मदद चाहिए होगी अगर अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात को सुधारना है तो। विशेषज्ञों का मानना है कि तालिबान के भारत की तरफ पींगें बढ़ाने के पीछे शायद यह बड़ी वजह है।
जबीउल्लाह ने यह साक्षात्कार स्ट्रेट न्यूज ग्लोबल को दिया था। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने अफगानिस्तान पर कब्जे के संबंध में बताया कि उसके बाद से ही उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। जबीउल्लाह के अनुसार, उन्होंने अफगान सुरक्षा को बढ़ाने तथा भ्रष्टाचार से लड़ने के संबंध में काफी काम किया है। उसके अनुसार, तालिबान ने अफगानिस्तान की माली हालत को सुधारने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं।
महिलाओं की बदतर स्थिति पर कन्नी काटकर बचते हुए जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि इस्लामिक अमीरात की नीति बहुत संतुलित है। साथ ही कहा कि भारत और अफगानिस्तान के द्विपक्षीय आर्थिक और राजनयिक संबंध बहुत पुराने हैं। इस्लामिक अमीरात रिश्तों को आपसी आदर तथा समानता के आधार पर आगे ले जाना चाहता है।
अफगानिस्तान में भारत की भूमिका के बारे में जबीउल्लाह ने आगे कहा कि भारत ने अफगानिस्तान में एक बड़ी भूमिका निभाई है, विशेष तौर पर आर्थिक क्षेत्र में। हम भारत को अफगानिस्तान में निवेश का मौका देना चाहते हैं ताकि अधूरी पड़ी परियोजनाएं पूरी हों। हम अपने भारतीय सहयोगियों को सुरक्षा को लेकर बेफिक्र करते हैं, हम उन्हें हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाएंगे। उसने का कि वे भारत सरकार को सौ फीसदी गारंटी देते हैं कि अफगानी धरती का इस्तेमाल किसी भी दूसरे देश के विरुद्ध नहीं होने देंगे। सुरक्षा के हालात सुधारे जा रहे हैं। यहां किसी के लिए कोई खतरा नहीं है। पाकिस्तान के साथ हमारा पड़ोसी वाला नाता है।
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