यूनीसेफ की रिपोर्ट, नहीं पढ़ पा रहे दुनिया के 24 करोड़ से ज्यादा बच्चे
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

यूनीसेफ की रिपोर्ट, नहीं पढ़ पा रहे दुनिया के 24 करोड़ से ज्यादा बच्चे

बस एक सकारात्मक बात यह है कि दुनिया भर में स्कूली शिक्षा से वंचित रहने वाली लड़कियों और लड़कों के बीच जा फर्क दिखता था वह खत्म हो गया है

by WEB DESK
Sep 3, 2022, 04:00 pm IST
in विश्व
यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यानी ‘यूनेस्को’ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में शिक्षा को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के कई देश जहां स्कूलों में शिक्षा का नया सत्र शुरू करने जा रहे हैं, वहीं कई देश ऐसे हैं जहां बच्चों को स्कूल ही नसीब नहीं हैं। शिक्षा की अनुपलब्धता ऐसी है कि दुनियाभर में 24 करोड़ से ज्यादा बच्चे स्कूली शिक्षा से दूर हैं।

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने 1 सितम्बर को यह रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए कहा कि हर बच्चे को शिक्षा पाने का अधिकार है, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। उनके इस अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी ऐसी स्थिति को स्वीकार नहीं कर सकता कि जिसमें उसे शिक्षा से वंचित रहना पड़े।

अफ्रीकी देशों में स्कूलों की भारी कमी है

ऑड्रे अजोले ने चेतावनी देते हुए कहा कि इन नतीजों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने सभी के लिए 2030 तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाने का जो लक्ष्य तय किया है, उसे पाने की सम्भावनाओं पर खतरा मंडरा रहा है। हमें शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय एजेंडे में सबसे पहले रखने के लिए दुनियाभर में इसके लिए प्रयास तेज करने होंगे।

उल्लेखनीय है कि महानिदेशक ऑड्री अजूले अपने इसी संदेश को आगामी 19 सितंबर को यूएन मुख्यालय में होने जा रहे एक बहुत खास शिक्षा परिवर्तन सम्मेलन में भी प्रस्तुत करने वाली हैं।

यूनेस्को ने रिपोर्ट में जो आंकड़े दिए हैं उनमें यह एक अच्छी बात सामने आई है कि दुनिया भर में स्कूली शिक्षा से वंचित रहने वाली लड़कियों और लड़कों के बीच जा फर्क दिखता था वह खत्म हो गया है। साल 2000 में, प्राइमरी स्कूली शिक्षा पाने बच्चों में यह फर्क 2.5 प्रतिशत का था, और सेकेंडरी स्तर की शिक्षा में यह 3.9 प्रतिशत था। अब यह अंतर खत्म हुआ है और शून्य रह गया है। लेकिन रिपोर्ट कहती है कि इलाकों की दृष्टि से कुछ फर्क तो अब भी बना हुआ है।

यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशिका कैथरीन रसैल

यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशिका कैथरीन रसैल का कहना है कि यूक्रेन में जारी संघर्ष की वजह से इस समय लगभग 40 लाख बच्चों को स्कूल का ऐसा सत्र शुरू करना पड़ रहा है, जिसके बारे में कुछ निश्चित नहीं है। कैथरीन हाल में यूक्रेन की तीन दिन की यात्रा पर गई थीं। वहां उन्होंने छात्रों, अभिभावकों तथा अध्यापकों के साथ बात की। उल्लेखनीय है कि वहां युद्ध छिड़े करीब सात महीने हो चुके हैं। कैथरीन का कहना था कि बच्चे, अपने स्कूलों में वापस तो लौट रहे हैं-लेकिन बहुत से बच्चे युद्ध से आहत हैं। कुछ कहा नहीं जा सकता कि उनके शिक्षक और मित्र उनका स्वागत करने के लिए वहां मौजूद भी होंगे कि नहीं। आज वहां बहुत से माता-पिता और अभिभावक ऐसे हैं जो अपने बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज कर रहे हैं, क्योंकि वो अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं।

साफ है कि यूक्रेन में जारी युद्ध में हजारों स्कूल बर्बाद हो चुके हैं, या क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। देश के कुल स्कूलों में से सिर्फ 60 प्रतिशत ही ऐसे हैं जिन्हें फिर से खोलने लायक माना गया है।

Topics: chidrenschoolunicefaudreyeducationstudentsreport
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Representational Image

Pew Research Center का खुलासा, Islam विश्व में दूसरा सबसे तेजी से बढ़ा मजहबी समूह, 10 साल में 21% की बढ़ोतरी

कक्षा 7 की इतिहास की पाठ्यपुस्तक से ‘मुगलों ‘और ‘दिल्ली सल्तनत’के अध्याय हटा गए

मुगलों का अध्याय खत्म

प्रतीकात्मक तस्वीर

राष्ट्र प्रथम: प्रचार से दूर, नियमित 90 हजार सेवा कार्य कर रहा संघ

RSS dr Mohan Bhagwat

विश्‍व भारत की ओर देख रहा है उसे मानवता की दिशा देनी होगी: डॉ. मोहन भागवत

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना के तीनों अंगों—वायुसेना, नौसेना और थलसेना—और सैन्य परमाणु, अंतरिक्ष, साइबर, इलेक्ट्रिानिक वॉर जैसे क्षेत्रों में आगे तो बढ़ी है, लेकिन अभी इन अंगों में उतना समन्वय नहीं है जैसा होना चाहिए

कम्युनिस्ट ड्रैगन की सेना पर बड़ा खुलासा, मैनलैंड अफेयर्स काउंसिल की रिपोर्ट में Chinese Army की कमियों से हटा पर्दा

Punjab School shuts by villegers

School locked: पंजाब में गांव वालों ने स्कूल पर जड़ दिया ताला

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies