बरेली जिले का फतेहगंज पश्चिमी, मीरगंज, बहेड़ी अभी भी पुलिस की सख्ती के बावजूद स्मैक उत्पादन और सप्लाई का सबसे बड़ा अड्डा बना हुआ है। हालंकि यूपी पुलिस ये दावा करती है कि यहां ड्रग्स के नेटवर्क को खत्म करने में उसे सफलता मिली है।
बरेली जो कभी सूरमा, काजल, और जरी के काम के लिए दुनिया भर में जाना जाता था आजकल स्मैक उत्पादन और सप्लाई के लिए सुर्खियों में है। बरेली पुलिस ने पिछले एक साल में दो दर्जन से ज्यादा स्मैक तस्करों को जेल भेजा जा और इनपर स्फेमा, गैंगस्टर, संपत्ति कुर्क जैसी गंभीर धाराएं लगाई हैं, बावजूद इसके ये धंधा यहां अभी भी चल रहा है। स्मैक तस्करों के गैंग के सदस्य, महिलाएं बच्चे तक इस काले धंधे में लिप्त हैं और इनके आगे स्मैक बेचने वाले सैकड़ों युवकों का नेटवर्क है, जो जेल जाते हैं और छूट कर आते ही फिर धंधे में लग जाते हैं।
पिछले दिनों बरेली पुलिस के सिपाही, एक अधिकारी और स्मैक तस्कर की ऑडियो वायरल हुई थी जिसके बाद ये कहा जाने लगा कि पुलिस भी इनके साथ मिली हुई है। जानकारी के मुताबिक सट्टेबाज और स्मैक तस्कर अनवर लंगड़ा की इस समय ड्रग्स के धंधे में तूती बोल रही है। पुलिस की नजरों से फरार अनवर यूपी और उत्तराखंड में अपना धंधा फैलाए हुए है। एक और नाम कल्लू डॉन का सामने आया है, जिसने पुलिस की नाक में दम किया हुआ है। ये जगह बदल-बदलकर स्मैक की तस्करी करता है।
उत्तराखंड पुलिस सूत्रों के अनुसार हल्द्वानी पुलिस ने पिछले दिनों स्मैक की एक बड़ी खेप पकड़ी थी, जिसके बाद से उसे असद, शारिक अली और शाहिद की तलाश है। असद ,जेल में बन्द शराफत अली का बेटा है। असद उत्तराखंड में पहले भी एनडीपीएस में जेल गया था और जमानत मिलते ही अपने धंधे में फिर से लग गया है।
लेडी डॉन हसीना की संपत्ति कुर्क, दस साल की सजा
बरेली से मुरादाबाद जिले में ड्रग्स का धंधा करने वाली लेडी डॉन हसीना को कोर्ट ने दस साल की सजा और दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पुलिस प्रशासन ने हसीना की दो करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को कुर्क कर दिया है। हसीना पर मझोला ज्यांतीपुर थाने में 26 मामले दर्ज हैं और गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध है।
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