देवबंद (सहारनपुर) । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा मदरसों का सर्वे कराए जाने को लेकर चल रही बहस के बीच स्थानीय मदरसों के संचालक और मौलवियों के बयान आए हैं। उन्होंने राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
जमीयत दावतुल मुसलिमीन के मौलाना कारी इसहाक गौरा ने अपने बयान में कहा कि योगी सरकार का आदेश स्वागत योग्य है। ऐसे सर्वे पहले भी हुए हैं और उसके बाद सरकार ने मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए जो पाठ्यक्रम दिया हुआ है उस पर तालीम भी दी जा रही है। सरकार ने जरूरतमंद मदरसों को मदद भी की है।
मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि सरकार के फैसले से डर वाली कोई बात नहीं है, जो चोर है वो डरेगा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मदरसे सरकार के दिए पाठ्यक्रम पर चल रहे हैं।
असद कासमी ने कहा कि हर जिले में एडीएम, अल्पसंख्यक अधिकारी सहित पांच लोगों की कमेटी सर्वे कर अपनी रिपोर्ट डीएम के माध्यम से सरकार को भेजेगी। हम इसमें हर मदद करने के लिए आगे आयेंगे।
सहारनपुर जिले में 508 मान्यता प्राप्त मदरसे चल रहे हैं और यहां एनसीआरटीसी के पाठ्यक्रम की किताबें भी पढ़ाई जा रही हैं। इनमें से 283 मदरसे आधुनिकीकरण के लिए चयनित किए गए हैं। इन पर काम चल रहा है। एक मदरसा सरकार की मदद से चल रहा है, लेकिन अभी भी 83 मदरसे ऐसे हैं जिनके पास सरकार की मान्यता नहीं है। यही मदरसे सर्वे में आने वाले हैं।
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