देहरादून । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भर्ती आयोग के सचिव को निलंबित कर दिया है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा की गई भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के मामले में अभी तक 32 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री धामी अपने कार्यकाल के सबसे चुनौती पूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। भर्तियों को लेकर आ रही शिकायतों और खबरों को संज्ञान में लेते हुए उन्होंने एसटीएफ जांच पर भरोसा जताया है। इस मामले में 32 लोग जेल जा चुके हैं और भर्ती आयोग सचिव संतोष बड़ौनी को निलंबित किया है। वह पहले भी कह चुके हैं कि दोषियों की संपत्ति जब्त होगी और गैंगस्टर भी लगाया जाएगा। इस मामले में यूपी पुलिस और उत्तराखंड पुलिस दोनों काम कर रही हैं। ये भी उम्मीद जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री यदि इस जांच से संतुष्ट नहीं हुए तो वे इसकी सीबीआई जांच के लिए केंद्र को अनुरोध पत्र भेज सकते हैं।
पुलिस में दरोगा भर्ती मामले में भी शिकायतें आई हैं। मुख्यमंत्री धामी ने इसकी जांच भी विजिलेंस को दे दी है। उन्होंने कहा है कि भर्ती मामलों में योग्य पात्र ही सरकारी नौकरियों में आएंगे। ये हमारे राज्य के भविष्य का सवाल है। उधर, विधानसभा में तदर्थ नियुक्तियों के मामले में धामी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद पत्र लिख कर विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण से अनुरोध किया है कि वह इन भर्तियों के विषय में जांच करवाएं और यदि कोई संदेह या घपला है तो उस पर सख्त कारवाई करें।
दरअसल विधान सभा में अध्यक्ष के पास ही सभी शक्तियां रहती हैं, सरकार उसमें दखल नहीं दे सकती। इसलिए धामी ने खंडूरी को पत्र लिखा है। वह पूर्व मुख्यमंत्री खंडूरी की बेटी है और यह परिवार अपनी ईमानदारी के लिए जाना जाता है। लिहाजा वह इस मामले में जांच करवा सकती हैं। जानकारी के मुताबिक बीजेपी हाई कमान ने भर्ती भ्रष्टाचार मामले में सख्त कदम उठाने के लिए धामी को सलाह दी है। राज्य के प्रभारी दुष्यंत गौतम ने इस बारे में पार्टी पदाधिकारियों और सरकार के मंत्रियों के साथ संवाद किया है
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