मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बेंगलुरु में श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस क्षेमवन (यूनिट) का उद्घाटन किया। इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कर्नाटक को संकट का साथी बताया। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम जब कर्नाटक के वन में पहुंचे तो बजरंगबली मारुति नंदन हनुमान जी उनकी सहायता के लिए आगे आए थे। हनुमान जी की सहायता से उस समय जो मजबूत सेतु बंध का निर्माण हुआ था, वह भारत में रामराज्य की स्थापना का आधार बना। रामराज्य आधारशिला को मजबूत करने की प्रथम भूमि कर्नाटक है।
सरकार और जनता को साथ मिलकर प्रयास करना होगा
सीएम योगी ने कहा कि यह मंजूनाथम गोरक्षम की परंपरा को बढ़ाता है। कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का बहुत घनिष्ठ संबंध है। कर्नाटक की परम्परा में नाथ सम्प्रदाय की शैव परम्परा सुदृढ़ आध्यात्मिक भाव के साथ एक-दूसरे को जोड़ते हैं। वीरेंद्र हेगड़े धर्माधिकारी के रूप में भारत की ट्रेडिशनल मेडिसिन को योग और नेचुरोपैथी के माध्यम से दशकों पूर्व से शांति, सौम्य और अब बेंगलुरु में क्षेमवन के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं। बेंगलुरु को आईटी और बायोटेक्नोलॉजी का हब माना जाता है। अब यह तेजी के साथ ट्रेडिशनल मेडिसिन के हब के रूप में दुनिया का मार्गदर्शन करता दिखाई दे रहा है। खासतौर पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन यूएस डॉलर बनाने की ओर अग्रसर हैं, तब हमें अपनी कार्यपद्धति में टेक्नोलॉजी के साथ जुड़ते हुए प्रोफेशनलिज्म लाना होगा। प्रधानमंत्री मोदी के अभियान का हिस्सा बनने के लिए सरकार और जनता को साथ मिलकर प्रयास करना होगा।
धर्मस्थलों की भूमिका महत्वपूर्ण
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भारत को मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में उभारने के लिए संकल्पित हैं। इसे देखते हुए देश में धर्मस्थलों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है। इसके लिए ही विश्व योग दिवस पर प्रधानमंत्री ने मैसूर में आकर योग दिवस का शुभारंभ किया। हम उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय बना रहे हैं। कर्नाटक के जिन छात्रों ने नेचुरोपैथी में डिग्री ली है, उन्हें अगर यहां कार्य करने में कोई परेशानी आती है तो हम उनसे प्रतिवेदन लेंगे। उन्हें वही सम्मान उत्तर प्रदेश में भी मिलेगा, जो कर्नाटक में मिलता है। भारत की ऋषि परम्परा ने इस बात को माना है कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’, यानी जितने भी धर्म के साधन हैं ये सभी शरीर के ही माध्यम से हो पाएंगे। स्वस्थ शरीर ही इन सभी कार्यों को सम्पन्न कर सकता है। योग की ताकत को लोगों ने कोविड-19 के दौरान स्वीकार किया है। कोविड के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत को सुरक्षित निकालने का रास्ता मिलता गया। आबादी में अगर हम भारत की यूएस से तुलना करें तो वहां हमसे दोगुनी मौतें हुईं, ये इस बात को प्रमाणित करता है कि हमारी परम्परागत व्यवस्था, जिसे हम आयुष के रूप में मान्यता देते हैं ये व्यक्ति को मजबूत बनाती है।
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