उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराया जाएगा। इसके माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि राज्य के मदरसों में छात्र-छात्राओं की स्थिति कैसी है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपेक्षा के अनुसार मदरसों में बुनियादी सुविधा उपलब्ध है अथवा नहीं, इसकी जानकारी ली जाएगी। प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में पाठ्यक्रम को भी खंगाला जाएगा।
जानकारी के अनुसार, मदरसा का संचालन करने वाले का नाम, मदरसा निजी भवन में चल रहा है या किराए के भवन में है, मदरसे में छात्र-छात्राओं की संख्या कितनी है, पेयजल, कुर्सी – मेज, बिजली आपूर्ति तथा शौचालय की व्यवस्था को भी संज्ञान में लिया जाएगा। मदरसे में शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम और किस स्रोत से मदरसे में आय हो रही है। इसको भी देखा जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद ने कहा है कि राज्य सरकार इस सर्वेक्षण के बाद नए मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू करेगी। अभी सरकार का उद्देश्य, गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में सूचनाएं एकत्र करना है। उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16,461 मदरसे हैं, जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है। प्रदेश में पिछले छह साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में नहीं लिया गया है।
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