मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में नए जिलों की वकालत की है, साथ ही कहा है कि समान नागरिक संहिता बिल को अगले दो माह में लाया जाएगा। माना जा रहा है कि सीएम धामी राज्य में पांच नए जिले बनाए जाने के लिए संगठन और जन प्रतिनिधियों से चर्चा करने वाले है।
उत्तराखंड में चुनाव से पहले पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता कानून राज्य में लाने की घोषणा की थी, इस के लिए रिटायर जज रंजना देसाई के नेतृत्व में एक समिति भी बना दी गई । समिति की कई बैठके हो चुकी है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि समान नागरिक संहिता हमारे लिए कोई चुनावी मुद्दा नहीं है। हमे अगले दो माह में इस बिल को विधानसभा में पेश करके केंद्र के पास भेजना है। उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य होगा जो एक देश एक समान कानून को लागू करेगा। उत्तराखंड में लंबे समय से की जा रही नए जिलों की मांग पर सीएम धामी ने कहा कि वो भी जिलों का पुनर्गठन चाहते है। इसके लिए वो पार्टी संगठन और जनप्रतिनिधियों से संवाद करेंगे।
अभी हाल ही में बीजेपी ने भी पांच नए जिलों की घोषणा की थी, जिनमे रानीखेत, कोटद्वार, रुड़की, काशीपुर और ऋषिकेश शामिल है। लेकिन इसमें हरिद्वार और उधामसिंह नगर के दो-दो जिले बना देने की बात गले इस लिए नही उतरती क्योंकि ये पहले से ही छोटे-छोटे जिले है।
जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी से यमुनाघाटी, पौड़ी से कोटद्वार और अल्मोड़ा से रानीखेत जिले को अलग किया जा सकता है और ये मांगे पुरानी भी हैं। एक संभावना ये भी है कि नैनीताल से आबादी का बोझ कम करने के लिए जिला मुख्यालय को हल्द्वानी शिफ्ट किया जा सकता है, सर्दियों में वैसे भी मुख्यालय हल्द्वानी आता रहा है, इस लिए इसमें खर्चा भी नही होगा।
बरहाल मुख्यमंत्री धामी अब बीजेपी के दृष्टि प्रपत्र पर काम करते जा रहे है। उन्होंने अब पुनः अपने कामकाज की रफ्तार पकड़ ली है।माना ये भी जा रहा है कि इसी हफ्ते वे अपने मंत्रीमंडल में एक दो नए चेहरे शामिल कर सकते है और एक दो मंत्रियों को बदल भी सकते है।
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