एक तरफ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भ्रष्टाचार के चंगुल में फंसी हुई है तो दूसरी ओर उसके अपने ही नेता पार्टी पर हमलावर हैं. टीएमसी के सांसद जवाहर सरकार ने कहा कि उनकी पार्टी का एक हिस्सा पूरी तरह सड़ गया है और ऐसे तत्वों के साथ 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि उनके परिवार के लोगों और दोस्तों ने कहा है कि टीएमसी नेताओं पार्थ चटर्जी एवं अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें राजनीति छोड़ देनी चाहिये. मैं तो सिर्फ इतना कह रहा हूँ कि 2024 में ऐसे तत्वों के साथ भाजपा का मुकाबला नहीं किया जा सकता. पार्टी का एक हिस्सा पूरी तरह सड़ चुका है. इन सड़े हुये तत्वों को निकाल बाहर करना चाहिये, अन्यथा वे पूरे संगठन को प्रभावित कर देंगे. जैसे ही जवाहर सरकार का यह बयान आया तृणमूल कांग्रेस में हलचल मच गयी.
नकदी की बरामदी शर्मनाक
जवाहर सरकार ने कहा कि पार्थ चटर्जी की महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के अपार्टमेंट से नकदी की बरामदगी उनके लिए बेहद शर्मनाक क्षण था. उल्लेखनीय है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में अर्पिता के फ्लैट से ईडी के अधिकारियों ने छापेमारी कर 52 करोड़ रुपये जब्त किये थे. फिलहाल पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी जेल हिरासत में हैं.
पार्टी को पहुंच सकता है नुकसान
जवाहर सरकार के बयान के बाद टीएमसी में हलचल है. पार्टी नेतृत्व इस मसले पर नजर रखे हुए हैं. पार्टी के नेताओं का कहना है कि जवाहर सरकार के बयान से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच सकता है. पार्टी पहले से कठिन दौर से गुजर रही है. ऐसी स्थिति में इस तरह के बयान से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा. टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा कि पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले जवाहर सरकार इसे छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं. सरकार को चाहिए कि वह अपने विचारों को बहुत अधिक महत्व देना बंद करें. तृणमूल कांग्रेस को पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने के कारण उनके खिलाफ तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करनी चाहिए. मेरा कहना है कि अगर सरकार घटनाक्रम से इतने शर्मिंदा हैं, तो वह अभी भी अपने पद पर क्यों बने हुए हैं? उन्हें (राज्यसभा) सांसद के अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. वह पार्टी छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं, इस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. तृणमूल कांग्रेस के संघर्ष या पिछले बंगाल विधानसभा चुनाव में उसकी लड़ाई में जवाहर सरकार जैसे लोगों की कोई भूमिका नहीं थी.
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