बिहार के भोजपुर में एक सरकारी विद्यालय के कुछ छात्र तिलक लगाकर विद्यालय पहुंचे तो मुस्लिम प्रधानाचार्य ने तिलक मिटवा दिया। यही, नहीं उन्होंने वन्दे मातरम् और भारत माता की जय बोलने पर भी प्रतिबंध लगा रखा है।
बिहार के सरकारी विद्यालयों में एक से एक कारनामे मिल रहे हैं। एक हजार से अधिक विद्यालयों में रविवार के स्थान पर शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी होती है। बच्चों से अमानवीय कार्य कराये जाते हैं और कुछ विद्यालयों में तो वंदे मातरम् और भारत माता की जय बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ताजा मामला
भोजपुर के भलुहीपुर गांव के मोनाको कुंवर मध्य विद्यालय का है। 30 अगस्त को विद्यालय के बच्चों ने प्रधानाचार्य के विरुद्ध अंततः मोर्चा संभाला। विद्यालय के छात्रों का कहना है कि यहां की प्राचार्य शगुफ्ता परवीन भारत माता की जय बोलने पर डांटती हैं। अगर कोई पूजा करके एवं तिलक लगाकर स्कूल आ जाये तो उसकी खैर नहीं। उसका तिलक तुरंत मिटाया जाता है। यहां वंदे मातरम् के नारे लगाने पर भी रोक लगा दी गई है। उनका स्पष्ट निर्देश है कि इस विद्यालय में न तो भारत माता की जय और न ही वंदे मातरम् के नारे लगाये जायेंगे।
पहले भी चर्चा में रहा है विद्यालय
यह विद्यालय पहले भी चर्चा में रहा है। इस स्कूल का एक वीडियो वायरल हुआ था। गत 27 अगस्त को इस विद्यालय की छात्राएं शौचालय की साफ-सफाई करती नजर आयी थीं। इस बारे में प्राचार्य ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि उन्हें इन मामलों की जानकारी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया है कि विद्यालय के पीटी टीचर ने बच्चों को झाड़ू देकर शौचालय की साफ-सफाई करवाई।
इस विषय पर डीपीओ रोहित चौरसिया ने स्वीकार किया है कि विद्यालय की प्राचार्य और बच्चों में विवाद है। जल्द ही इस विवाद को सुलझा लिया जायेगा। वायरल वीडियो की भी जांच की जा रही है। दोषियों को कड़ी सजा दी जायेगी।
विद्यालय के इस फरमान से जिले के लोगों में आक्रोश है। भाजपा नेता सियाराम सिंह ने इसे देशद्रोह का मामला बताया। उन्होंने कहा कि अगर यही हालात रहे तो लोग बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज करेंगे। बिहार में वैसे भी शिक्षा का स्तर बहुत सुधर नहीं पा रहा है।
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