चीन के अविवाहित युवक कंबोडिया से आई लड़कियों से शादी के लिए उन्हें 8-8 लाख रु. में खरीद रहे हैं। है न ये चौंकाने वाला समाचार! आखिर चीन में कंबोडिया की लड़कियों को लेकर क्या इतनी ज्यादा दिलचस्पी है? नहीं, बात यह नहीं है। बात यह है कि चीन में अविवाहित युवकों को शादी के लिए लड़कियां ढूंढे नहीं मिल रही हैं, इसलिए गरीब देश कंबोडिया से बड़े-बड़े सपने दिखाकर लड़कियों की तस्करी करके उन्हें चीन पहुंचाया जा रहा है। उनके मोटे दाम जो मिल रहे हैं वहां!
इस बात का हैरान करने वाला सच तब सामने आया जब चीनी पुरुषों से जबरन ब्याह दी गईं अनेक कंबोडियाई महिलाओं ने बीते दिनों सामाजिक संगठनों से सामने अपना दुखड़ा रोया था। उन्होंने जो बताया, उससे दुनियाभर के लोग हैरान हैं।
दरअसल, चीन में एक वक्त था जब आबादी बहुत तेजी से बढ़ती जा रही थी। इस दिक्कत को दूर करने के लिए 1980 के दशक में चीन के परिवारों को एक ही बच्चा पैदा करने की सख्त हिदायत दी गई थी, कड़े कानून बनाए गए थे। यह आबादी पर लगाम लगाने की नीति 2016 तक बनी रही था। इससे हुआ ये कि एक ही बच्चा पैदा करने की बात पर परिवार लड़का ही चाहते थे, लड़कियों की कथित भ्रूण हत्या करवा देते थे। हुआ ये कि समाज में लड़कियों की ऐसी कमी हुई कि शादी तक के लाले पड़ने लगे।
इस जबरदस्त लैंगिक असमानता के कारण चीन में लड़कियों की तादाद तेजी से गिरती गई। ऐसे में लाखों अविवाहित चीनी युवक चाहते हुए भी शादी को तरस गए। उनके दूल्हा बनने का सपना दम तोड़ने लगा। लेकिन तब कंबोडिया से लड़कियों की तस्करी का चलन शुरू हुआ, ठीक इसी खामी की पूर्ति के लिए। कंबोडिया में एजेंटों की चांदी हो गई क्योंकि कई युवक तो कंबोडिया से तस्करी कर लाई जाने वाली लड़कियों की 8-8 लाख रुपये कीमत देने लगे। बाजार खड़ा हो गया और कंबाडियाई दुल्हनों की बोली लगने लगी। कंबोडिया के गरीब-गुरबों की ये लड़कियां बड़ी नौकरी और सुखी जीवन के लालच में आसानी से फंसने लगीं। लेकिन क्या ये सब मिलता है उन्हें चीन में? नहीं।
चीनी पुरुषों से जबरन शादी के जाल में फंसी बहुत सी कंबोडियाई युवतियों ने बताया है कि उनके साथ क्या क्या बीता वहां। उनकी बदहाली सुनने वाले सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं की भी आंखें नम हो गईं। इन दुखियारी लड़कियों ने बताया कि उनसे शादी करने वाले चीनी पुरुषों ने उन्हें जानवर मानकर उनका शोषण किया। यौन व मानसिक उत्पीड़न के अलावा उन्हें बंधक बनाकर रखा जाता था। उन्हें यातनाएं दी जाती थीं, बंधुआ मजदूरी कराई जाती थी। पानी सिर से ऊपर जाता देखकर चीन सरकार ने कंबोडिया पर सख्ती शुरू की; तो अब मानव तस्कर लड़कियों को वियतनाम के रास्ते भेजने लगे। बता दें कि चीन में मानव तस्करी के जुर्म की सजा मौत है।
कुछ साल पहले पाकिस्तान से भी लड़कियों को चीनी लोगों द्वारा ब्याह कर चीन ले जाने और वहां तरह तरह से सताने के किस्से खूब छाए थे मीडिया में। पाकिस्तान से भी गरीब लड़कियों को जबरिया ब्याह के लिए ‘बेचा’ जाता था। 2019 में यह तथ्यात्मक रूप से स्पष्ट हो गया था कि पाकिस्तान से भी लड़कियां चीन भेजी जाती थीं, जहां उनकी चीनी पैसे वालों से करवाई जाती थी। ऐसी किस्मत की मारी 629 लड़कियों की तो इस एक साल में ही पहचान की गई थी।
सामाजिक संगठनों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान कंबोडिया से लड़कियों की तस्करी बढ़ गई थी, और चीनी युवकों से उनकी शादी करवाने की रीत भी तेजी से बढ़ी थी। इन संगठनों का हैरान करने वाला दावा है कि गत 10 वर्ष में दसियों हजार लड़कियों को तस्करी करके चीन पहुंचाया गया है।
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