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‘मेरे चचेरे भाई को मार डाला’

हमने न सिर्फ अपनी पुरखों की मिट्टी को छोड़ा, बल्कि अपनी मौत को बहुत नजदीक से अनुभव किया

by पाञ्चजन्य वेब डेस्क
Aug 30, 2022, 06:22 pm IST
in भारत
मुलखराज गुलाटी

मुलखराज गुलाटी

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मुलखराज गुलाटी

बन्नू, पाकिस्तान

 

भारत का बंटवारा ऐसा दर्दनाक पल था कि जिसकी याद भुलाए नहीं भूल सकती। हमने न सिर्फ अपनी पुरखों की मिट्टी को छोड़ा, बल्कि अपनी मौत को बहुत नजदीक से अनुभव किया।

मेरे कितने ही अपने इस खौफनाक घटना की भेंट चढ़ गए। हमारे खेतों में जो फसल हुआ करती थी, उसे हमारे पिताजी पख्तून के बन्नू शहर बेचने जाते थे।

गांव और शहर, दोनों जगह हमारे आलीशान मकान थे। मेरे चचेरे भाई कालू राम को दंगाइयों ने मार डाला। उन्मादी हमारी बहन की ननद को खींच कर अपने साथ ले गए। जब उपद्रव बढ़ने लगा तो हमारा परिवार जान बचाने की खातिर एक दिन वहां से निकल गया।

सफर में रात भर भूखे-प्यासे रहे, क्योंकि हमने सुन रखा था कि मुसलमानों ने तालाबों, कुंओं में जहर डाल दिया था। अगले दिन सुबह हम अटारी पहुंचे। उस दौरान रास्ते में जो देखा, उसे याद करके आज भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

Topics: रात भर भूखे-प्यासे रहेअपनी पुरखों की मिट्टी को छोड़ाउन्मादी हमारी बहन की ननद को खींच कर अपने साथ ले गएमुसलमानों ने तालाबोंकुंओं में जहर डाल दिया
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