तालिबान और पाकिस्तान के बीच सब ठीक नहीं चल रहा है, इसका एक और उदाहरण सामने आया है। तालिबान ने साफ आरोप लगाया है कि इस्लामी आतंकी गुट अल कायदा के सरगना अल जवाहिरी की मौत में पाकिस्तान की मिलीभगत है। कट्टर इस्लामी तालिबान नेता ने कहा कि पाकिस्तान ने ही अपने यहां से अमेरिका को जवाहिरी पर ड्रोन हमला करने के लिए अपना हवाई क्षेत्र इस्तेमाल करने दिया था।
आतंकी सरगना अल जवाहिरी की अमेरिका के ड्रोन हमले में जुलाई में काबुल में मौत हुई थी। अब तालिबान का आरोप है कि इस हमले के लिए पाकिस्तान ने ही अमेरिकी सेना को अपना हवाई क्षेत्र प्रयोग करने की छूट दी थी। जवाहिरी का काबुल में मारा जाना तालिबान के लिए बेशक एक झटका था।
अमेरिका ने उस हमले के बाद साफ कहा था कि उसके सुरक्षाबल पिछले लंबे समय से जवाहिरी के गुप्त अड्डे और उसकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। उन्होंने मौका मिलते ही उसे उसके गुप्त ठिकाने पर ढेर कर दिया था। वैश्विक आतंकी गुट अलकायदा ही वह इस्लामी आतंक का सरगना है जिसने 11 सितम्बर 2001 को न्यूयार्क में दो टॉवरों को हवाई जहाजों के हमले से ध्वस्त करके भीषण तबाही मचाई थी। तब उसका सरगना था ओसामा बिन लादेन। लादेन को भी अमेरिका ने पाकिस्तान के एबटाबाद इलाके में उसके गुप्त ठिकाने पर ढेर किया था। उसके बाद आतंकी सरगना बना अयमन अल जवाहिरी, जिसने दुनियाभर में आतंकी वारदातों को नए सिरे से अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभाई थी। तालिबान का आरोप है कि उसे मारने के लिए अमेरिकी ड्रोन पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से दाखिल हुआ था। अफगानिस्तान में राज कर रहे तालिबान के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब ने कल स्वयं यह बयान दिया था। लेकिन पाकिस्तान ने उसके इस आरोप को बेबुनियाद बताया है।
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब ने कहा कि अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र में गश्त के लिए ड्रोन का गलत इस्तेमाल उनके देश की सीमाओं का अतिक्रमण है। मुल्ला का कहना है कि जिस अमेरिकी ड्रोन के जरिए दागी गईं दो हेलफायर मिसाइलों ने अलकायदा सरगना जवाहिरी को मारा, वे पाकिस्तान से उड़ा था।
अफगानिस्तान की सुप्रसिद्ध समाचार एजेंसी खामा प्रेस की रिपोर्ट है कि मुल्ला याकूब तथा तालिबान के सैन्य बलों के चीफ ऑफ स्टाफ ने कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उसी में उन्होंने पाकिस्तान पर जमकर आरोप लगाए। अफगानिस्तान में अमेरिकी ड्रोन कहां से आए? इस सवाल के जवाब में याकूब ने कहा कि वे अमेरिकी ड्रोन पाकिस्तान से अफगानिस्तान में दाखिल हो रहे हैं।
तालिबानी रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र को एक जरिया बनाया है जहां से वह अफगानिस्तान में दाखिल होकर हमला कर पाए। तालिबानी मुल्ला याकूब का ताजा बयान बताता है कि पड़ोसी इस्लामवादियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। सब जानते हैं कि यह अल कायदा ही है जो तहरीके-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और पाकिस्तान सरकार के बीच संघर्षविराम में मध्यस्थता कर रहा है। टीटीपी ने उसकी शर्तें न मानने पर पाकिस्तान को बर्बाद करने की कसमें खाई हुई हैं। उसकी शर्त है कि स्वात के कबाइली इलाकों में उसकी समानांतर सरकार चलाने दी जाए।
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