हिमाचल प्रदेश में नौ देवियों के मंदिरों में चढ़ावे के रूप में आए सोने-चांदी को पिघलाकर शुद्ध करके उसके सिक्के बनाए जाएंगे। उन सिक्कों को बाजार की कीमत पर श्रद्धालुओं को दिया जा सकेगा। इसको लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंदिर ट्रस्ट और केंद्र सरकार के खनिज धातु निगम के साथ करार करवा दिया है।
जानकारी के मुताबिक पिछले एक साल से नौ देवी मंदिरों में चढ़ावे के रूप में आए 50 कुंतल सोना और 192 कुंतल चांदी के रख रखाव को लेकर मंथन चल रहा था। सरकार और मंदिर ट्रस्ट को इनकी सुरक्षा और बीमा में खासा खर्चा उठाना पड़ रहा था। हिमाचल सरकार और मंदिर ट्रस्ट ने मिलकर केंद्र सरकार के खनिज व धातु निगम से एक करार किया है, जिसके तहत सोने और चांदी को सिक्कों के रूप में ढाला जाएगा, जिनमें मंदिरों की देवियों को अंकित किया जाएगा। ये सिक्के श्रद्धालुओं को बाजार में चल रहे भाव के हिसाब से दिए जा सकेंगे। ऐसी प्रक्रिया देश के अन्य धार्मिक स्थलों में भी चल रही है। वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड भी इसी तरह से सिक्के बनाता है।
हिमाचल प्रदेश की मां चिंतपूर्णी, मां नैना देवी, मां चामुंडा देवी, मां ज्वाला, मां ब्रज्रेश्वेर देवी, मां भीमा काली, मां नव दुर्गा, मां मुरारी देवी, मां कामाख्या देवी मंदिरों के लिए बने ट्रस्ट के साथ हिमाचल राज्य कला भाषा संस्कृति विभाग के सचिव राकेश कंवर ने केंद्र की निगम के साथ करार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उम्मीद की जा रही है इस साल नवरात्रि से पहले सिक्के ढालने का काम शुरू हो जाएगा और ये हर साल चलेगा। पिछले पांच सालों से ये योजना कागजों में चल रही थी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश पर इसकी फाइल बाहर निकाली गई है। अभी पहले नौ देवियों के मंदिरों के स्वर्ण-चांदी के विषय में करार किया गया है। इसके बाद अन्य 25 मंदिरों में रखे स्वर्ण-रजत के विषय में निर्णय लिया जाएगा।
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