कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को उनके समर्थन में छह पूर्व विधायकों और मंत्रियों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इनमें पांच ने सामूहिक इस्तीफा दिया है जबकि एक पूर्व मंत्री ने अलग से त्यागपत्र दिया है।
कांग्रेस के जिन छह पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्रियों ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में पार्टी छोड़ी है इनमें पांच ने सामूहिक इस्तीफा दिया है जबकि एक पूर्व मंत्री ने अलग से त्यागपत्र दिया है। सामूहिक इस्तीफा देने वाले कांग्रेस नेताओं में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री रहे जीएम सरूरी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मौजूदा उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री हाजी अब्दुल रसीद, पूर्व विधायक और विधान परिषद सदस्य मो आमीन भट, अनंतनाग के मौजूदा जिला प्रधान और पूर्व विधायक गुलजार अहमद वानी और पार्टी के मौजूदा एसटी सेल के चेयरमेन पूर्व विधायक चौधरी मोहम्मद अकरम शामिल हैं। इनके सामूहिक इस्तीफे के कुछ ही देर बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आरएस चिब का त्यागपत्र भी सामने आ गया।
चिब ने सोनिया गांधी के नाम त्यागपत्र में लिखा है कि उन्होंने पिछले कई वर्षों से जम्मू-कश्मीर में कई उथल-पुथल देखी है। उन्होंने कहा कि उसे ध्यान में रखते हुए लोगों को बेहतर भविष्य की दिशा में लाने के लिए गुलाम नबी आजाद जैसे मजबूत नेता की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी अब उस भूमिका को निभाने में सक्षम नहीं है। पार्टी के प्रमुख लोगों के बीच मतभेद बढ़ रहा है। इसलिए मुझे लगता है कि कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से मेरा इस्तीफा सबसे अच्छा विकल्प है।
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