देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने मंगलवार को गुनियालगांव में निर्माणाधीन सैन्य धाम पहुंचकर निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी उपस्थित रहे।
देहरादून के गुनियालगांव में सैन्य धाम का निर्माण हो रहा है। यह उत्तराखंड के पांचवें धाम के नाम से जाना जायेगा। सैन्य धाम के लिए प्रदेश के 1734 बलिदानी सैनिकों के आंगन से कलश में मिट्टी लायी गयी है, जिसे यहां बनने वाली अमर जवान ज्योति की नींव में रखा गया है। सैन्य धाम के प्रवेश द्वार का नाम देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जायेगा। वहीं प्रांगण में बाबा जसवंत सिंह और हरभजन सिंह का मंदिर भी बनाया जायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि सैन्य धाम बलिदानियों के प्रति सम्मान का एक उत्कृष्ट उदाहरण होगा। इसे पांचवें धाम के नाम से जाना जाएगा और इसका निर्माण भव्य एवं दिव्य रूप में हो इसके लिए चारों धामों से पवित्र मिट्टी भी लाई जाए। जिन सैनिकों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है उन्हें सर्वोच्च सम्मान मिले। देश के अन्य वॉर मेमोरियल का अध्ययन कर सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है, जो अपने-आप में अलग रूप में बनेगा।
उन्होंने कहा कि यह देश की सेना के शौर्य और गौरवशाली इतिहास को संजोने वाला स्थान होगा। सैन्य धाम में बलिदानी सैनिकों को सर्वोच्च सम्मान देने के लिए उनके आंगन से मिट्टी, बलिदानियों के नाम, लाइट और साउंड शो, म्यूजियम व ऑडिटोरियम बनाये जायेंगे, जिससे युवा इन बलिदानियों को याद कर प्रेरणा ले सकेंगे। वर्ष 2023 में पूरा होने वाला यह सैन्य धाम पूरे राष्ट्र में एक अलग मिसाल बनेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को इसके निर्माण में पूरी निष्ठा और लगन से कार्य करने को कहा। सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र कुमार चौधरी ने सैन्य धाम निर्माण की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर जिला अधिकारी देहरादून सोनिका सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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