हिमाचल प्रदेश में बारिश ने कहर बरपाया है। पिछले 24 घंटे से मूसलाधार बरसात हो रही है। इस वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं से राज्य के कई जिलों में भारी नुकसान हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि एक ही परिवार के आठ सदस्यों सहित कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, पांच लोग लापता हैं।
सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि बारिश की वजह से सबसे अधिक नुकसान मंडी, कांगड़ा और चंबा जिलों में देखने को मिला है। मंडी में मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग और शोघी में शिमला-चंडीगढ़ राजमार्ग सहित 743 सड़कों पर आवाजाही अवरुद्ध है। जानकारी के अनुसार भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की वजह से अकेले मंडी में 13 लोगों की मौत हो गई है और पांच लोग लापता हो गए हैं। गोहर विकास खंड के काशान गांव में एनडीआरएफ और पुलिस ने करीब चार घंटे तलाशी अभियान के बाद एक ही परिवार के आठ सदस्यों के शव उनके घर के मलबे से निकाले हैं।
आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि चंबा के चौवारी के बनेत गांव में मकान गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई है। इधर शिमला के ठियोग में एक कार बोल्डर की चपेट में आ गई, जिससे दो लोगों की मौत और दो लोग घायल हो गए हैं। कांगड़ा में एक घर ढह गया, जिसमें नौ साल के बच्चे की मौत हो गई। वहीं, कांगड़ा में बारिश से पंजाब व हिमाचल को जोड़ने वाला चक्की रेलवे पुल भी शनिवार तड़के धराशायी हो गया, जिससे पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल सुविधा भी पूरी तरह से बंद हो गई है। नूरपुर के कंडवाल के समीप अंग्रेजों के समय का बना यह पुल पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे लाइन को पंजाब के साथ जोड़ने वाला एकमात्र पुल था।
बाढ़ में फंसे लोगों को निकाला गया
हमीरपुर में बाढ़ में फंसे 30 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मौतों पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन प्रभावित जिलों में युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रहा है। इधर हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने कहा है कि 743 सड़कों पर भारी बारिश के कारण यातायात अवरुद्ध है। आज 407 सड़कों को बहाल कर दिया जाएगा और रविवार तक 268 सड़कों को साफ कर दिया जाएगा।
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