वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में साल में जन्माष्टमी पर एक बार होने वाली मंगला आरती के दौरान मची भगदड़ में दो श्रद्धालुओं की दम घुटने से मौत हो गई। हादसे में करीब छह लोग घायल हो गए। यह हादसा शुक्रवार आधीरात करीब दो बजे हुआ। हादसे के वक्त बांके बिहारी मंदिर में जिलाधिकारी, एसएसपी, नगर आयुक्त सहित भारी पुलिस बल मौजूद था।
बांके बिहारी मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पर रात 12 बजे जन-जन के आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी महाराज के श्रीविग्रह का महाभिषेक किया गया। इसके बाद ठाकुरजी को पीत (पीले) रंग की पोशाक धारण कराई गई और बालरूप में शृंगार कराया गया। इसके बाद ठाकुरजी ने जगमोहन में विशेष रजत निर्मित सिंहासन पर विराजित होकर भक्तों को दर्शन दिए।
इसके बाद होने वाली मंगला आरती के साक्षी बनने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। रात लगभग 1ः55 बजे क्षमता से अधिक लोग मंदिर के बाहर एकत्र हो गए। इस दौरान मची भगदड़ में दो श्रद्धालुओं का दम घुट गया। इनमें नोएडा सेक्टर 99 की निर्मला देवी और वृन्दावन के रुक्मिणी विहार कॉलोनी निवासी 65 वर्षीय राम प्रसाद विश्वकर्मा शामिल हैं। राम प्रसाद मूल रूप से जबलपुर के रहने वाले थे। इस दौरान कई लोग बेहोश हो गए।
बांके बिहारी मंदिर में मौजूद पुलिस और निजी सुरक्षा कर्मियों ने बेहोश श्रद्धालुओं को वृंदावन के राम कृष्ण मिशन, ब्रज हेल्थ केयर और सौ शैया अस्पताल भिजवाया। एसएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि सफोकेशन अधिक हो जाने के कारण यह हादसा हुआ। फिलहाल स्थिति नियंत्रित है। हादसे के बाद अस्पताल पहुंचे परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए शव ले गए।
मंदिर के सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती की परंपरा नहीं है। यहां ठाकुर जी बाल स्वरूप में हैं और रात को निधिवन में रास रचाने जाते हैं। इसलिए सुबह उन्हें उठाया नहीं जाता। ठाकुरजी की मंगला आरती साल में सिर्फ एक बार जन्माष्टमी के दिन होती है। इस दिन कान्हा ठाकुर बनकर रात में भक्तों को दर्शन देते हैं। हादसे के वक्त भी 1ः55 बजे मंगला आरती हो रही थी। इसके बाद कुछ समय के लिए पट बंद किए गए थे। इस दरम्यान क्षमता से अधिक भक्त मंदिर परिसर में इकट्ठा हो गए।
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