वेटिकन से चर्च के सबसे बड़े पांथिक नेता पोप फ्रांसिस ने कनाडा के यौनाचार के आरेापी कार्डिनल के विरुद्ध चर्च की जांच से इंकार कर दिया है। वेटिकन सिटी से कल इस संबंध में जारी बयान में पोप फ्रांसिस ने कहा है कि कनाडा के कार्डिनल मार्क ओउलेट पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं इसलिए जांच का सवाल नहीं उठता। यानी अब चर्च की तरफ से उन पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के कोई आसार नहीं, यानी अब कथित पीड़ित महिला को न्याय मिलने की उम्मीद नहीं रही।
उल्लेखनीय है कि वेटिकन के प्रमुख अधिकारी रहे 78 साल के कार्डिनल ओउलेट चर्च में इतने वरिष्ठ माने जाते हैं कि उनके पोप तक बनने के आसार बताए गए हैं। इस सप्ताह के शुरू में यौन उत्पीड़न के एक मामले में क्यूबेक कैथोलिक डायोसिस के विरुद्ध एक वाद में उक्त कार्डिनल को नामजद किया गया था। इस वाद में 1940 में शुरू हुए चर्च प्रांत के लिए काम करने वाले करीब 88 पादरियों तथा कर्मचारियों द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने के मामलों का उल्लेख था। अब, पोप के अनुसार, चर्च ने अपने स्तर पर इस बारे में जांच की और पाया कि उनके विरुद्ध ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं जिनके आधार पर कार्डिनल के विरुद्ध जांच बैठाई जाए।
यहां यह जानना दिलचस्प होगा कि क्यूबेक सुपीरियर कोर्ट में दायर एक मुकदमे में किसी ‘एफ’ नाम से उल्लिखित महिला का आरोप है कि ओउलेट ने उसे गलत तरह से छुआ और ऐसी बातें बोलीं कि जिससे 2008 तथा 2010 के दौरान वह असहज महसूस कर रही थी। यह भी पता चला है कि यह तब की बात है जब कार्डिनल ओउलेट क्यूबेक के आर्चबिशप हुआ करते थे। उस दौरान वह महिला चर्च में प्रशिक्षु के नाते काम कर रही थी।
उसके आरोपों के बारे में वेटिकन को 2021 में जानकारी दी गई थी। इस मामले को देखने के लिए पोप फ्रांसिस ने एक पादरी रेवरेंड जैक्स सर्वैस को जिम्मेदारी दी थी। वेटिकन के अनुसार, रेवरेंड सर्वैस ने पीड़िता के आरोपों को पढ़ने के बाद, जूम के माध्यम से उससे विस्तृत बात की थी। सर्वैस के हवाले से वेटिकन ने कहा कि उस पीड़िता ने ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया जो कार्डिनल के विरुद्ध जांच के लिए कोई आधार देता हो।
इस संदर्भ में वेटिकन के प्रवक्ता माटेओ ब्रुनिसाइड ने बयान जारी करके कहा है कि इस बारे में अन्य कई लोगों से सलाह लेने के बाद पोप ने घोषणा की है कि कार्डिनल ओउलेट पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर चर्च की तरफ से जांच शुरू करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
दिलचस्प बात है कि कार्डिनल ओउलेट ने आरोपों को लेकर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। वे वेटिकन की ताकतवर समझी जाने वाले उस बिशप समूह के पंथाध्यक्ष हैं, जो पोप का यह सुझाव देता है कि किनको बिशप बनाया जा सकता है। ये कार्डिनल पोप पद के ऐसे विशेषज्ञ उम्मीदवारों में से एक हैं जो पोप फ्रांसिस की मृत्यु या इस्तीफा देने की सूरत में अगले पोप बनाए जा सकते हैं।
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